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  • Minister Choubey And Mohd. Akbar's Convoy Used To Stop The Cattle Sitting On The NH, After The Reprimand, The Panchayat Hired 200 Laborers; The One Who Drives The Cows From The Road

मंत्री जी के रास्ते की बाधा दूर:मंत्री चौबे व मो. अकबर का काफिला रोक देते थे एनएच पर बैठे मवेशी, फटकार के बाद पंचायत ने 200 रोजी में रखा मजदूर; जो हांकता है सड़क से गायों को

बेमेतरा2 वर्ष पहले
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गांव के पास एनएच पर अब भी मवेशी इस तरह बैठे रहते हैं। - Dainik Bhaskar
गांव के पास एनएच पर अब भी मवेशी इस तरह बैठे रहते हैं।
  • रोका-छेका अभियान का ऐसा हाल, मंत्री नाराज हुए तो सड़क से मवेशियों को हटाने अफसरों ने दिए थे निर्देश

एनएच समेत अन्य सड़क पर मवेशियों के झुंड के बैठने से न केवल राहगीर परेशान हैं, बल्कि प्रदेश के मंत्री भी परेशान हैं। रायपुर से अपने विधानसभा क्षेत्र आते-जाते उनके काफिले को भी ये मवेशी रोक देते हैं। रायपुर मार्ग में ग्राम तिवरैया, टेमरी के पास बीच सड़क पर मवेशियों का झुंड बैठता है।

यहां अक्सर मंत्रियों के काफिले को आवाजाही में परेशानी होती है। ऐसा ही वाकया कद्दावर मंत्री रविन्द्र चौबे के काफिले के साथ भी हुआ। लगातार इससे हो रही परेशानी के बाद नाराज मंत्री ने इसे लेकर अफसरों को फटकार लगाई और साफ कहा कि मार्ग पर मवेशी नहीं नजर आने चाहिए। ऐसे में हड़बड़ाए अफसरों ने अब सड़क से मवेशियों को हटाने के लिए 200 रुपए रोजी में एक ग्रामीण को नियुक्त भी कर दिया।

नाराज मंत्री ने अफसरों से कहा था कि इस मार्ग से उनका व वनमंत्री मो. अकबर हमेशा आना-जाना लगा रहता है। लेकिन तिवरैया में बीच सड़क पर मवेशियों के बैठे रहने के कारण वाहन से उतरकर उन्हें हटवाना पड़ता है। मंत्री की नाराजगी के बाद सड़क से मवेशियों को हटवाने के निर्देश जनपद सीईओ को दिए गए।

बेरला जपं सीईओ सीपी मनहर भी 3 दिन तक लगातार सुबह 6 बजे गांव पहुंचकर सड़क से मवेशियों के हटने-न हटने की जानकारी लेते रहे। सीईओ ने बताया कि उन्होंने गांव पहुंचकर सड़क पर बैठे मवेशियों को हटवाया है। मवेशी हटे या नहीं यह देखने जिले के अधिकारी भी पहुंच जाते थे।

शिकायत के बाद पंचायत सचिव को पड़ी फटकार

रोका-छेका अभियान शुरू होने के बाद भी सड़क में मवेशी की शिकायत मिलने पर सीईओ ने पंचायत सचिव को जमकर फटकार लगाई। तिवरैया सरपंच महावीर साहू ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश के बाद गांव में सड़क में बैठे मवेशियों को हटाने के लिए एक मजदूर नियुक्त किया गया है, जिसे प्रतिदिन 200 रुपए की दर से मजदूरी दी जाती है, जो सुबह-शाम सड़क में बैठे मवेशियों को हटाता है। ताकि लोगों को परेशानी न हो।

पालकों से खुले में मवेशी न छोड़ने करा रहे दस्तखत

खुले में घूम रहे मवेशियों को रोका-छेका अभियान चलाकर गौठानों में ले जाने पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों के निर्देश के बाद सड़क किनारे बसे ग्राम कठिया, रांका ,झलमला सहित आसपास के गांवों में कोटवार के माध्यम से मुनादी करा दी गई है कि खुले में घूम रहे मवेशी को चरवाहा को सौंप दें। ताकि किसानों के फसल को नुकसान न पहुंचाएं। कई गांवों में तो किसानों से काॅपी में हस्ताक्षर भी करवाया जा रहा है कि वे खुले में अपने मवेशी को नहीं छोड़ेंगे।