मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने दुर्ग केंद्रीय जेल का घेराव कर जेल उप अधीक्षक के निलंबित करने की मांग की। समुदाय के लोगों का आरोप है कि जेल के अंदर उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया है। जब इसकी शिकायत जेल उप अधीक्षक से की गई तो उन्होंने भी शिकायतकर्ता के साथ दुर्व्यवहार किया। इसलिए उन्होंने शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपनी मांग रखी है।
केंद्रीय जेल दुर्ग के अंदर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाकर सैकड़ों की संख्या में समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार शाम हुए इस विरोध प्रदर्शन में समुदाय के लोगों ने जेल उपाधीक्षक शोभा रानी को सस्पेंड करने की मांग की। मामले को बढ़ते देख भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। इसके बाद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। कई घंटे तक नारेबाजी विरोध प्रदर्शन के मामला शांत हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह लगाया जा रहा है आरोप
प्रदर्शन कर रहे अब्दुल लतीफ खान ने बताया कि केंद्रीय जेल की बैरक के अंदर उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया है। अंदर उनके धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया गया। जेल में बंद मन्नान नाम के युवक ने जब इसकी शिकायत जेल उपाधीक्षक शोभारानी से की तो उन्होंने आवेदन में लिखकर शिकायत करने की बात कही। इसके बाद जब मन्नान आवेदन लेकर पहुंचा तो उससे आवेदन में 15-20 लोगों के हस्ताक्षर कराकर लाने की बात कही गई।
आरोप लगाया कि मन्नान ने यह भी कर दिया तो जेल उपाधीक्षक ने उसके साथ गलत व्यवहार किया। इसकी शिकायत मन्नान ने उससे मिलने आए उसकी मां और भाई की। जब इसकी जानकारी समाज के अन्य लोगों को हुई तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांग ऊपर तक पहुंचाने की कोशिश की है।
छावनी में तब्दील हुआ केंद्रीय जेल
कवर्धा कांड के बाद से पुलिस अब किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। कहीं भी धर्म और जाति से जुड़ा मामला सामने आने पर पुलिस तुरंत अलर्ट हो जा रही है। दुर्ग में हुए इस मामले को लेकर भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंचा। पूरे केंद्रीय जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया था, जिससे किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी न होने पाए।
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