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नगर के किल्ला पारा में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित माधव मेमोरियल हॉस्पिटल पर अब कार्रवाई की गाज गिरेगी। जांच टीम ने बुधवार को हॉस्पिटल में मिली खामियों का पुलिंदा एसडीएम को सौंप दिया है। रिपोर्ट में आर्थिक अनियमितता, मरीजों से ठगी और डिग्री बेचे जाने जैसी तीखी टिप्पणियां शामिल हैं। अब यह पूरी रिपोर्ट कलेक्टर के पास जाएगी और वे ही इस पर कार्रवाई का निर्णय लेंगे। सीएएफ जवान की शिकायत का खुलासा होने के बाद 14 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए किल्ला पारा स्थित माधव मेमोरियल हॉस्पिटल में छापेमार कार्रवाई की थी। मौके पर संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू से हुए सवाल-जवाब में खामियों का अंदेशा होते ही हॉस्पिटल सील कर दिया गया था। इसके बाद नायब तहसीलदार के सामने बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार ने जिम्मेदारों से पूछताछ की। बयान में मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आशुतोष भारती ने जैसे ही हॉस्पिटल की गतिविधियों से अनभिज्ञता जताई, डॉ. दुग्धेश्वर ने भी यू-टर्न ले लिया और खुद को केवल हॉस्पिटल बिल्डिंग का मालिक बताया।
छापा मारने के 33 दिन बाद सौंपी जांच रिपोर्ट
हालांकि इस संबंध में पूर्व के दो अन्य मेडिकल डायरेक्टरों डॉ. निशिकांत शर्मा और डॉ. अभिषेक बंजारे का बयान नहीं हुआ है, लेकिन डॉ. बंजारे ने बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि वे 25 हजार रुपए महीने की सैलरी पर काम कर रहे थे, अस्पताल की तमाम गतिविधियां डॉ. साहू के ही जिम्मे थी और वे ही उसके मालिक भी हैं। इधर जांच टीम को स्टाफ नर्सों के बयान से पता चला कि हॉस्पिटल की आईपीडी आरएमए डॉ. शैलेष बंजारे के भरोसे थी और डॉ. साहू भी राउंड लेने आया करते थे। इन तमाम बयानों व जब्त दस्तावेजों के आधार पर जांच टीम ने रिपोर्ट में अपनी तीखी टिप्पणी की है। नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर का कहना है कि उन्होंने रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी है।
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