कवर्धा में हुई हिंसा के दौरान गिरफ्तार 18 आरोपियों को न्यायालय से जमानत मिल गई है। सभी लोगों को दुर्ग सेंट्रल जेल से गुरुवार को रिहा कर दिया गया है। आरोपियों को लेने के लिए उनके परिजन, भाजपा और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे। इस दौरान जय श्रीराम के नारे लगते रहे। इसके बाद आरोपियों को एक बस में बिठाकर कवर्धा रवाना कर दिया।
कवर्धा के लोहारा नाका चौक में 3 अक्टूबर को दो गुटों में विवाद हुआ था। पुलिस ने अब तक इस मामले में 108 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक गुट से 29 और दूसरे गुट के 79 आरोपी शामिल हैं। कवर्धा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने बुधवार को दुर्ग जेल में बंद 18 आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
इन्हें मिली जमानत
जिन 18 लोगों को जमानत पर दुर्ग जेल से रिहा किया गया उनमें आयुष शर्मा, ऋषभ चौरसिया, बसंत ध्रुव, नवदीप चंद्रवंशी, दीनू झारिया, आकाश तिवारी, तोरण दिवाकर, विष्णु कौशिक, सागर नामदेव, अंशु ठाकुर, मोटी उर्फ भास्कर, उज्ज्वल पांडे, तुकाराम, गजेंद्र झारिया, शूरवीर देवार, अमीर देवार, गोलू और रिंकू देवार शामिल हैं।
पुलिस की बड़ी लापरवाही आई सामने
जिन 18 लोगों को न्यायालय से जमानत मिली है। उस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पुलिस ने इन लोगों की गिरफ्तारी 3 अक्टूबर को ही कर ली थी। उनके खिलाफ 4 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की थी।
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