खुर्सीपार पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 14 वर्षीय नाबालिग का मंगलवार को गर्भपात कराया। दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सजा दिलाने के लिए अब पुलिस नाबालिग, भ्रुण और आरोपी का डीएनए टेस्ट कराएगी। कोर्ट के आदेश पर ऐसा किया जा रहा। नाबालिग और भ्रुण का सैंपल पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया है। जेल में बंद आरोपी का भी जल्द सैंपल लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक फरवरी महीने में नाबालिग घर से नाराज होकर कलकत्ता चली गई थी। स्टेशन पर रोता बिलखता देख आरोपी ने उससे मुलाकात की। परिचय बढ़ाने के बाद उसे अपने साथ ओड़िशा ले गया। वहां चार महीने तक डरा धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। नाबालिग के मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने 22 जून को नाबालिग को खोज निकाला। इसके बाद परिजनों के सुपुर्द किया।
घरवालों के डांटने पर ट्रेन से कलकत्ता स्टेशन पहुंच गई थी
पुलिस के मुताबिक 14 फरवरी को कक्षा 8वीं में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा घर से भाग गई थी। उसके परिजनों ने काम नहीं करने पर उसेे डांटा। इसके बाद वह ट्रेन से कलकत्ता पहुंच गई। इसके बाद से नाबालिग की तलाश की जा रही थी।
16 मार्च को वह कलकत्ता स्टेशन पहुंची और रोने लगी। इसी दौरान उसे कलकत्ता स्टेशन के पास रहने वाले आरोपी 26 वर्षीय मोहम्मद यासीन खान मिला। नाबालिग को बहला फुसलाकर अपने साथ घर ले गया। आरोपी उसे अपने साथ बिहार ले गया।
घर से जाने के बाद परिजन के संपर्क में थी नाबालिग
पुलिस के मुताबिक नाबालिग घर से जाने के बाद अपने परिजन से फोन के जरिए संपर्क करती थी। लेकिन कभी अपनी सही लोकेशन नहीं बताती थी। नाबालिग कभी बिहार, पुणे तो कभी कलकत्ता में रहना बताती थी। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग द्वारा उपयोग किए जाने वाले मोबाइल नंबर की लोकेशन निकाली। इससे पता चला कि नाबालिग ओड़िशा में है। इसके बाद टीम नाबालिग को खोजते हुए ओड़िशा पहुंची। नाबालिग के बयान के आधार पर धारा 366, 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।
गर्भपात के लिए पिता ने लगाया था कोर्ट में आवेदन
पुलिस ने बताया कि नाबालिग के पिता ने बेटी के गर्भपात के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया। कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। नाबालिग को 10 हफ्ते का गर्भ था। मंगलवार को नाबालिग का अस्पताल में गर्भपात कराया गया।
नाबालिग और भ्रुण का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। आरोपी का जेल जाकर सैंपल लिया जाएगा। डीएनए रिपोर्ट को आरोपी के खिलाफ साक्ष्य के तौर पर उपयोग किया जाएगा। ताकि आरोपी को सजा दिलाई जा सके।
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