पेंड्री स्थित कोविड हॉस्पिटल में गुरुवार तड़के भर्रेगांव निवासी एक कोरोना संक्रमित युवक की मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए परिजन ने आईसीयू में जमकर हंगामा किया। डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए आईसीयू के भीतर बने केबिन का कांच तोड़ डाला। हंगामा होते ही ड्यूटी पर तैनात नर्सें घबरा गईं और तत्काल वार्ड छोड़कर बाहर निकलीं। सूचना पर पुलिस पहुंची ।
परिजनों का कहना है कि मरीज रातभर तड़प रहा था। बुलाने पर भी डॉक्टर चेक करने नहीं आए। नर्सेस केबिन में ही बैठीं रहीं। इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया। इसलिए गुस्से में आकर तोड़फोड़ कर दी। इधर कोविड हॉस्पिटल के नोडल अफसर अजय कोसम का कहना है कि मरीज वेंटिलेटर पर था। इसलिए परिजनों को हालात से वाकिफ करा चुके थे। भर्रेगांव निवासी जिस युवक की मौत हुई, उसे सांस लेने में तकलीफ थी। ऑक्सीजन बेड से वेंटिलेटर में शिफ्ट किया गया था।
ऑक्सीजन की कमी, इसकी शिकायत भी की थी
मृतक के भाई ने बताया कि रात को मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। वेंटिलेटर में होेने के बाद भी ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं आ रहा था। इसकी शिकायत बार-बार की गई पर डॉक्टर और नर्सेस केबिन से बाहर ही नहीं निकले। बताया कि आईसीयू में भर्ती दूसरे मरीजों के परिजनों ने भी मदद करते हुए डॉक्टर और नर्सेस को बुलाया पर रात को कोई सामने नहीं आए। वहीं सुबह 4 बजे आसपास मरीज की जान चली गई तब मृत्यु घोषित करने के लिए डॉक्टर आए। परिजनों ने बताया कि मृतक की उम्र 36 साल की थी।
हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था लड़खड़ा रही
कोविड हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है। यहां लगाए गए प्लांट में 24 घंटे में केवल 175 सिलेंडर ऑक्सीजन तैयार होता है पर इसके अतिरिक्त यहां पर रोज 500 से 600 सिलेंडर की खपत हो रही है। रिफिलिंग में देरी के चलते ही ऑक्सीजन सप्लाई लड़खड़ा रही है। वेंटिलेटर में ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है। वेंटिलेटर भी लगातार चल रहे हैं। इससे भी ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है। इधर गुरुवार को जिले में कुल 796 नए कोरोना मरीज मिले। 270 डिस्चार्ज हुए।
तनाव बढ़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने बुलाई पुलिस
तोड़फोड़ की घटना के बाद आईसीयू में तनाव की स्थिति बन गई थीं। दूसरे मरीज के परिजन भी गुस्सा दिखा रहे थे कि इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। माहौल बिगड़ता देखकर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस बुलाई। पुलिस टीम ने आक्रोशित लोगों को समझाइश देकर शांत कराया। प्रबंधन का कहना है कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा था। इसलिए उसे बचाया नहीं जा सका।
स्टाफ के रूखे व्यवहार के चलते बढ़ रहा लोगों में रोष
कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की ओर से लगातार यह शिकायत की जा रही है कि नर्सेस व अन्य कर्मचारी रूखा व्यवहार करते हैं। मरीज की स्थिति के बारे में पूछने पर ठीक से जवाब नहीं देते। इसके चलते नाराजगी बनी हुई है। भर्ती मरीजों के मददगारों का कहना है कि संकट से जूझ रहे हैं बुरा बर्ताव होने पर परेशानी और बढ़ जाती है। सकारात्मक माहौल बनाएं।
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