बुरजी आंदोलन के 365 दिन हुए पूरे:सारकेगुड़ा, सिलगेर और एडसमेटा गोलीकांड में मारे गए ग्रामीणों के परिजनों को मुआवजा देने की कर रहे मांग

बीजापुर8 महीने पहले
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बीजापुर में ग्रामीणों का आंदोलन जारी है। - Dainik Bhaskar
बीजापुर में ग्रामीणों का आंदोलन जारी है।

छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के बुरजी में ग्रामीणों का आंदोलन लगातार जारी है। इस आंदोलन को 365 दिन यानी पूरे एक साल हो गए हैं। हजारों ग्रामीण सारकेगुड़ा, सिलगेर और एडसमेटा गोलीकांड में पुलिस की गोली से मारे गए ग्रामीणों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही बस्तर में फर्जी नक्सली मुठभेड़ बंद करने, जूठे नक्सल प्रकरण में जेलों में बंद ग्रामीणों की रिहाई की मांग भी कर रहे हैं। आंदोलन के एक साल पूरे होने पर ग्रामीण अब 2 दिवसीय वार्षिक वर्षगांठ मना रहे हैं।

ग्रामीणों ने नाच गान भी किया।
ग्रामीणों ने नाच गान भी किया।

दरअसल, ग्रामीणों का यह आंदोलन मूलवासी बचाओ मंच के बैनर तले चल रहा है। इस संगठन के संभागीय अध्यक्ष रघु ने बताया कि, एक प्रतिनिधि मंडल इन मांगों को लेकर लगातार 3 बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर चुका है। लेकिन, सिर्फ आश्वासन ही मिला। जमीनी स्तर पर मुआवजा की मांग पूरी नहीं हुई है। सिलगेर से शुरू हुआ आंदोलन बुरजी तक पहुंच गया। इस आंदोलन के अब एक साल पूरे हो गए। उन्होंने बताया कि सिलगेर आंदोलन को भी डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है।

ग्रामीण बुरजी आंदोलन की वर्षगांठ मना रहे हैं।
ग्रामीण बुरजी आंदोलन की वर्षगांठ मना रहे हैं।

सड़क और पुलिस कैंप का भी विरोध

इधर, अंदरूनी इलाकों में बन रही सड़क, पुल और पुलिस कैंप का भी ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, ग्राम सभा के बगैर सड़कें बनाई जा रही है। गांव-गांव में सड़के बनने से उनकी परेशानी बढ़ जाएगी क्योंकि पुलिस गांव में घुसे गी और फर्जी नक्सल मामले में ग्रामीणों को उठाकर ले जाएगी ग्रामीणों में यह दहशत बनी हुई है। इसके साथ ही बस्तर में खुल रहे नए पुलिस कैंपों का भी ग्रामीणों ने विरोध किया है।

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