छ्त्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के एक कांग्रेसी नेता की तेलंगाना में नक्सलियों के साथ हुई गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में सियासी घमासान शुरू हो गया है। BJP इसे कांग्रेस नेताओं का नक्सलियों के साथ कनेक्शन बता रही है तो वहीं कांग्रेस ने नक्सलियों की तरफ से केजी सत्यम पर दबाव बनाकर साथ ले जाने की बात कही है। मामले की हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से करीब 240 किमी दूर केजी सत्यम के गांव नलमपल्ली पहुंची। यहां परिजनों ने कई खुलासे किए।
पढ़िए परिजनों की जुबानी....
मेरा नाम केजी संगीता है। मैं केजी सत्यम की पत्नी हूं। पति केजी सत्यम कांग्रेस पार्टी में थे। साथ ही पेशे से ठेकेदारी का भी काम करते थे। लगभग 3-4 दिन पहले रात में उनके पास वर्दली के गुड्डे गोपाल नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। गुड्डे गोपाल ने बेटी की तबीयत खराब है, और उसे अस्पताल ले जाना है कहा। हमारे पास बोलेरो गाड़ी है, जिसे बुकिंग में भी चलाते हैं। पति बुकिंग के नाम से ही गोपाल के साथ निकले थे। गांव से अकेले थे। फिर उनके साथ कौन-कौन थे ,और वे किस शहर के अस्पताल गए ये यह जानकारी नहीं थी।
दूसरे दिन भाई लोगों ने वाट्सऐप पर मैसेज देखा कि, केजी सत्यम को पुलिस ने तेलंगाना में पकड़ लिया है। उन्हें नक्सली बताया गया है। उसके साथ कुछ और भी लोगों को पकड़ा गया है। पुलिस सभी को नक्सली बता कर जेल में डाल दी है। जिन्हें पकड़ा गया है उसमें गुड्डे गोपाल की बेटी नहीं है। जबकि, उसी के इलाज के लिए ही ये लोग गए हुए थे। संगीता का आरोप है कि उनके पति को फंसाया गया है। उसने कहा कि मेरे पति नक्सली नहीं है और न ही कभी वे नक्सलियों का साथ दिए हैं। संगीता ने दावा है कि उन पर नक्सलियों ने दबाव बनाया और साथ लेकर गए।
पिता बोले- बेटा बेकसूर है
केजी सत्यम के पिता केजी पोचाईय्या का कहना है कि, बेटा कॉलेज तक की पढ़ाई किया है। ठेकेदारी का काम करता था। घर पर जो बोलेरो गाड़ी है वो मेरे दामाद की है। 4 साल पहले ही बेटे ने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी। नक्सलियों के साथ उसकी कोई सांठ-गांठ नहीं है। न ही नक्सली कभी बैठक में उसे बुलाए हैं, और न ही कभी धमकियां देकर उससे काम कराए हैं। तेलंगाना में उसको पकड़ा गया है। उसे नक्सली बताया जा रहा है, वह बेकसूर है। सत्यम के पिता ने मामले की जांच करने की भी मांग की है।
ग्रामीणों ने कहा- सत्यम के साथ 6 लोगों को पकड़ा था
इधर, गांव के ग्रामीणों का कहना है कि, हमें जो जानकारी मिली है सत्यम के साथ पुलिस ने 6 लोगों को पकड़ा था। उसमें कौन नक्सली है और कौन ग्रामीण हम यह नहीं जानते। हालांकि, पुलिस ने रुद्राराम के रहने वाले गाड़ी के ड्राइवर को छोड़ दिया है। वो घर लौट आया है। जबकि, अन्य 5 लोगों को पकड़ लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि, गांव में ज्यादा लोगों के पास गाड़ियां नहीं है। केजी सत्यम के जीजा की गाड़ी उसी के पास होती थी। कई बार गांव के लोगों को भी अस्पताल पहुंचाने लेकर गया था।
दावा-दिग्गजोंकेसत्यम का किया गया था अपहरण
इस मामले को लेकर पूरे छ्त्तीसगढ़ में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने इसे कांग्रेस का नक्सली कनेक्शन होना बताया है। तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सत्यम का अपहरण होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि, 4 दिन पहले सत्यम को बंदूक के बल पर नक्सली अपहरण करके लेकर गए थे। इसके अलावा उस गांव में करीब 20 किमी के दायरे में कोई भी 4 चक्का वाहन न होने का दावा किया था। लेकिन,गांव में और भी गाड़ियां हैं।
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