शहीदों का ये कैसा सम्मान:स्मृति द्वार से नीचे गिर रहीं उनकी तस्वीरें, ऊपर से गुजरती हैं गाड़ियां; कोई ध्यान देने वाला नहीं

जगदलपुरएक वर्ष पहले
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स्मृति द्वार से शहीदों की तस्वीरें नीचे गिर रही है। - Dainik Bhaskar
स्मृति द्वार से शहीदों की तस्वीरें नीचे गिर रही है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बनाए गए स्मृति द्वार से शहीद हुए जवानों की तस्वीरें टूट कर नीचे गिर रही हैं। तस्वीर के टुकड़े सड़क पर बिखर रहे हैं। लेकिन, विडंबना यह है कि इन्हीं टूटी तस्वीरों के ऊपर से लोग अपनी गाड़ियां दौड़ा रहे हैं। बताया जा रहा है कि, जिस चमचमाती सड़क बनने से अब लोगों की राह आसान हुई है, इसी सड़क निर्माण की सुरक्षा देते वक्त CRPF के कई जवानों ने शहादत दी थी। जवानों की याद में इसी मार्ग पर स्मृति द्वार बनाया गया है। लेकिन, अब शहीदों का अपमान हो रहा है।

इस तरह से लगी थी 15 से ज्यादा शहीद जवानों की तस्वीर।
इस तरह से लगी थी 15 से ज्यादा शहीद जवानों की तस्वीर।

दरअसल, बीजापुर जिले को सुकमा जिले के जगरगुंडा से जोड़ने वाली सड़क पर स्मृति द्वार बनाया गया है। यह स्मृति द्वार बीजापुर-आवापल्ली-जगरगुंडा टी पॉइंट पर बना है। जिसमें CRPF 168 बटालियन के करीब 15 से ज्यादा शहीद हुए जवानों की याद में तस्वीरें लगाई गईं हैं। लेकिन, अब वे तस्वीरें टूटकर नीचे गिरने लगी हैं। इसी रास्ते से रोजाना नेताओं से लेकर अफसरों की भी आवाजाही होती है। फिर भी किसी ने इस स्मृति द्वार की मरम्मत करवाने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

कुछ इस तरह टूटकर बिखर रही तस्वीरें।
कुछ इस तरह टूटकर बिखर रही तस्वीरें।

अफसर बोले- जानकारी मिली है, मरम्मत करवाएंगे
इस मामले को लेकर बीजापुर जिले के SDM हेमेंद्र भुआर्य ने कहा कि, स्मृति द्वार में लगे टाइल्स निकल रहे हैं, हमें इसकी जानकारी भी मिली है। जल्द ही इस स्मृति द्वार का मरम्मत करवाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है।

यह स्मृति द्वार बीजापुर-आवापल्ली-जगरगुंडा टी पॉइंट पर बना है।
यह स्मृति द्वार बीजापुर-आवापल्ली-जगरगुंडा टी पॉइंट पर बना है।

बीना सुरक्षा के नहीं बन पाती सड़क
बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा इन तीन जिलों के बीच में जगरगुंडा स्थित है। सुकमा जिले को बीजापुर और दंतेवाड़ा से जोड़ने के लिए जवानों की सुरक्षा के बीच सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है। लेकिन, सड़क बनाने से पहले दोनों जिलों में कैंप भी स्थापित किया गया है। सैकड़ों जवानों की तैनाती की गई है। वहीं सड़क की सुरक्षा देते समय नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ और IED की चपेट में आने से कई जवानों की शहादत भी हुई है। जवानों की सुरक्षा के बीच सड़क निर्माण का काम संभव नहीं है।