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फरवरी का महीना त्योहारों की अधिकता लिए हुए है। व्रत, त्योहार के बीच मांगलिक व निर्माण कार्यों के लिए भी महीने की कुछ तिथियां शुभ हैं। कोविड-19 के चलते बीते साल त्योेहारों को नहीं मना पाए थे, लेकिन इस बार इससे राहत मिलने की उम्मीद है। त्योहारी आनंद उठाया जा सकेगा।
हिंदू धर्म में शुभ तिथियों और त्योहारों का बड़ा महत्व होता है। हर माह कोई न कोई हिंदू त्योहार या व्रत आते हैं। इसे लेकर मानने वालों में खासा उत्साह रहेगा। इस माह 12 फरवरी से गुप्त नवरात्र शुरू हो रही है, जबकि बसंत पंचमी 16 फरवरी व माघ पूर्णिमा (माघी मेला) 27 फरवरी को मनाई जाएगी।
जानिए... किस दिन कौन सा त्योहार और उसकी क्या है विशेषता
षट्तिला एकादशी: आज
भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। षट्तिला एकादशी पर तिल का विशेष महत्व होता है। इसका 6 प्रकार से उपयोग होता है। इस दिन काले तिल का प्रयोग विशेष माना गया है। इनमें तिल से स्नान, हवन, तर्पण, भोजन और दान किया जाता है, इसलिए इसे षट्तिला एकादशी व्रत कहा गया है।
मौंनी अमावस्या: 11 को
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमास्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, तालाबों अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है।
मां सरस्वती पूजा: 16 को
माघ महीने की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। बसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन सरस्वती पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन अबुझ मुहूर्त होने से विवाह सहित मांगलिक और शुभ कार्य भी होंगे। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी आते ही कड़कड़ाती ठंड का अंत हो जाता है और बसंत ऋतु की शुरुआत होती है।
जया एकादशी: 23 को
भगवान विष्णु की आराधना करने से मनवांछित फल मिलने का योग रहता है। पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली और विशिष्ट सुगंधित पदार्थों को अर्पित करना चाहिए। जया एकादशी का यह व्रत पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है।
रविदास जयंती: 27 को
ज्योतिषी पं. विवेकशील पाण्डेय के अनुसार माघ में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा मानते हैं। धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। इस तिथि पर स्नान, दान व जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है। माघ माह में चलने वाला यह स्नान पौष मास की पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।
ये पर्व भी पड़ रहे इसी माह: 9 फरवरी को भौम प्रदोष व्रत, 10 को मासिक शिवरात्रि, 12 को माघ गुप्त नवरात्र प्रारंभ, कुंभ संक्रांति, 15 को गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी, 19 को अचला सप्तमी, शिवाजी जयंती, 20 फरवरी को भीष्म अष्टमी, 21 को माघ गुप्त नवरात्र समापन व 24 फरवरी को प्रदोष व्रत।
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