छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में धान खरीदी केंद्र में किसानों ने मंगलवार को ताला जड़ दिया। उनका कहना है कि 14 दिन बीत गए हैं, हम एक दाना धान भी नहीं बेच सके। हमारा नाम भी कंप्यूटर रिकॉर्ड से गायब है। हम क्या करें। इसलिए अब हमने केंद्र में ही ताला लगा दिया है। किसानों के विरोध के चलते मंगलवार को लोरमी के साल्हेघोरी धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी नहीं हो सकी। दिनभर हंगामा चलता रहा।
दरअसल, किसानों की मांग पर इस बार गोंड़खाम्ही धान खरीदी केंद्र से अलग कर साल्हेघोरी गांव में धान खरीदी केंद्र खोला गया है। वजह है कि यहां के आस-पास के 7 गांव के किसान अपना धान बेच सकें। पिछले साल तक किसानों को धान बेचने लंबी दूरी तय कर गोंड़खाम्ही गांव धान खरीदी केंद्र जाना पड़ता था।
अब नई व्यवस्था शुरू होने के बावजूद किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। इसी कारण किसान मंगलवार को सुबह ही साल्हेघोरी धान खरीदी केंद्र पहुंच गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद उन्होंने खरीदी केंद्र में ताला जड़ दिया।
किसानों का कहना है कि 01 दिसंबर से खरीदी शुरू हुई है। तब से हम भटक रहे हैं। यहां न तो हमारा टोकन कट रहा है, न खरीदी की जा रही है। हम करें तो करें क्या। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर में मैपिंग नहीं होने के कारण हमारा नाम ही नहीं दिखता है। किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हम प्रदर्शन करते रहेंगे।
इधर, खरीदी केंद्र में ताला लगने के कारण आस-पास के 6 गांव के लोग भी धान नहीं बेच सके। कई किसान बिना धान बेचे ही वापस लौट गए। वहीं दोपहर बाद जब प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तब किसानों का गुस्सा किसी तरह शांत हुआ और वे वापस घर लौट गए हैं। अधिकारियों ने व्यवस्था सही करने का आश्वासन किसानों को दिया है।
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