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वन विभाग में बतौर ठेकेदार काम कर रहे एक कांट्रेक्टर ने बिलासपुर से सेंदरी के बीच 1194 पेड़ों की कटाई की और लगा दिया 1436 पेड़ों को काटने का बिल। यह पैसे पास भी होने वाले थे, पर पुराने अधिकारियों का तबादला हो गया। नए डीएफओ पहुंचे तो उन्होंने बिल की जांच की। भुगतान से पहले कुछ बातों का परीक्षण करवाया।
सामने आया कि ना सिर्फ पेड़ कटाई बल्कि ठेकेदार ने कई ऐसे सामान और काम करने का बिल लगा दिया था जो फॉरेस्ट में मान्य ही नहीं है। इनमें रोड सुरक्षा, परिवहन निकासी मार्ग सहित अन्य हैं। उन्होंने आनन-फानन में इसकी जांच शुरू करवाई।
रिपोर्ट में सामने आया कि ठेकेदार को किसी तरह के पैसों का कोई भुगतान करना बाकी नहीं है। जबकि ठेकेदार ने लाखों रुपए का बिल भुगतान करने का दावा करते हुए इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक से की थी।
इसकी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भी भेजी गई है। मामला सिमगा के ठेकेदार राजीव ताम्रकार से जुड़ा है। वन विभाग ने उन्हें 10 नवंबर 2018 से 7 मार्च 2019 तक बिलासपुर सेंदरी मार्ग में पेड़ों की कटाई करने की जिम्मेदारी सौंपी।
उन्होंने यह काम निर्धारित दिनों में पूरा कर लिया। ठेकेदार के दावों के मुताबिक उन्होंने राइट हेंड साइड और लेफ्ट हेंड साइड में दोनों छोर पर कुल 1194 पेड़ों की कटाई की है। इसके अलावा उनके द्वारा संग्रहण, अभिलेखन, परिवहन निकासी मार्ग, चौकीदारी, रोड सुरक्षा, पानी व्यवस्था, कर्मचारियों के वाहन, किराया, रोड सफाई, टोचन, हाइड्रा, कैंपिंग सहित अन्य काम का बिल भी क्लेम किया गया है।
यह पैसे लाखों में है। जिसका भुगतान नहीं होने की बात कहकर उन्होंने इसकी शिकायत कई जगहों पर की है। मुख्यमंत्री से लेकर बड़े अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी है।
उनके शिकायत और अधिकारियों द्वारा बिल रोके जाने की बात पर ही डीएफओ निशांत कुमार ने मामले में जांच करवाई है। जांच करने वाले उप वनमंडल अधिकारी ने जो रिपोर्ट सौंपी है।
उसके मुताबिक अब ठेकेदार को किसी भी तरह का बिल भुगतान करना वाजिब नहीं बताया गया है। जांच रिपोर्ट में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि ठेकेदार उन पैसों का बिल भुगतान करने की बात कह रहा है जो कि अमान्य है।
जिस जगह 242 पेड़ काटने का दावा, वहां मिले 40 पेड़
ठेकेदार ने जिस जगह पर 242 पेड़ काटने का दावा किया है वहां वनपाल विरेंद्र कुमार भास्कर ने निरीक्षण करअपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यहां सिर्फ 40 पेड़ ही उपलब्ध हैं। स्पष्ट तौर पर यह भी कहा गया कि इस जगह पर पेड़ों की कटाई वन विभाग के द्वारा नहीं करवाई गई है। जिसे ठेकेदार द्वारा खुद ऐसा करना बताया गया है। उनके मुताबिक जो पेड़ वन विभाग ने कटवाए हैं उसका 13 लाख 34 हजार 142 रुपए का भुगतान कर दिया गया है।
कई बातें झूठी, पैसे पाने के लिए हुई गड़बड़ी
वन विभाग के पुराने अधिकारियों ने यह दावा किया था कि सेंदरी से बिलासपुर मार्ग पर 1436 पेड़ों की कटाई हुई है। यह बात भी झूठी निकल गई है। इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह खुलासा हो गया है कि कमीशन के लिए वन विभाग के पुराने अधिकारी और ठेकेदार ऐसे ही बातें गढ़कर चहेतों को लाभ दिलवाते आ रहे हैं।
ठेकेदार का कोई भुगतान बाकी नहीं है
बिलासपुर से सेंदरी मार्ग पर जिस ठेकेदार ने काम किया है उसने सिर्फ 1194 पेड़ काटे हैं। उसका भुगतान करवा दिया गया है। उसने कई अमान्य चीजों का बिल लगाया है। और इसकी कई जगह शिकायत भी करवाई है। जो गलत है। जांच रिपोर्ट कोई भी देख सकता है।
- निशांत कुमार, डीएफओ, वन विभाग, बिलासपुर
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