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बलरामपुर जिले के बघिमा में 8 क्रेशरों को खनिज विभाग ने सील कर दिया है। क्रेशरों में गड़बड़ी को लेकर दैनिक भास्कर ने 23 जनवरी को खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद कलेक्टर ने जांच टीम गठित की थी और टीम ने इस पर कार्रवाई की। जांच में पता चला कि कई क्रेशर छोटे झाड़ की भूमि पर चल रहे हैं और राजस्व विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से उसका डायवर्सन हो गया है।
इसके अलावा पिटपास में भी गड़बड़ी पकड़ी गई तो स्टॉक रजिस्टर व भंडारण में गड़बड़ी मिली तो प्रदूषण भी अधिक पाया गया। अपर कलेक्टर विजय कुजूर की टीम ने बघिमा में स्थित महामाया स्टोन क्रेशर, हुकुम सिंह क्रेशर, ओम स्टोन क्रेशर, संतोष सिंह, सोनू सरदार, ओम कंस्ट्रक्शन, विनायक अग्रवाल, अभिषेक गोयल क्रेशर को सील कर दिया है।
बता दें कि बलरामपुर जिले में 22 क्रेशर हैं और लगभग सभी क्रेशर में गड़बड़ी है। पत्थर खदान के लिए इन क्रेशर मालिकों ने जिस जमीन का लीज लिया है, वहां खनन न कर दूसरी जमीन पर माइनिंग की जा रही है तो वहां भी माइनिंग एक्ट की धज्जियां उड़ रही हैं, जहां अवैध बारूद से ब्लास्ट किया जा रहा है और इसके कारण गांव के लोग परेशान हैं तो भू-जल स्तर प्रभावित हुआ है।
इसके अलावा क्रेशर से निकलने वाले डस्ट के कारण लोग घरों से बाहर आंगन में भी नहीं बैठ पाते हैं और न ही कपड़े सुखा पाते हैं। जांच टीम ने इनके अलावा अन्य गड़बड़ी को पकड़ा। हालांकि अब क्रेशरों को बंद कर जांच टीम क्या कार्रवाई करती है, यह बड़ा सवाल है।
अफसरों ने पिछले साल की थी कार्रवाई
क्रेशरों के खिलाफ पर्यावरण मंडल के अफसरों ने पिछले साल कार्रवाई की थी, लेकिन उसके बाद उन्हें मामूली फाइन लगाकर छोड़ दिया जाता है। यही वजह है कि क्रेशरों से डस्ट उड़ाया जा रहा है, जबकि इन क्रेशरों का बिजली कनेक्शन काटने पर्यावरण मंडल ने बिजली विभाग को लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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