​​​​​​​बिलासा देवी हवाई सेवा चकरभाठा:3 हजार मीटर रनवे और एयरपोर्ट का डिजाइन बनाने सहमति बन रही, 4 सी के लिए सर्वे

बिलासपुर2 वर्ष पहले
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हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारियों से एएआई के अफसरों ने मुलाकात की। - Dainik Bhaskar
हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारियों से एएआई के अफसरों ने मुलाकात की।

बिलासा देवी चकरभाठा एयरपोर्ट का रनवे 3 हजार मीटर के हिसाब से ही डिजाइन बनाए जाने की सहमति बन रही है। नाइट लैंडिंग के साथ एएआई के अफसर 4 सी के लिए भी सर्वे कर रहे हैं। हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारियों को मुलाकात के दौरान एएआई के अफसरों ने यह बात कही। वर्तमान में रनवे की लंबाई 1500 मीटर है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसर मंगलवार को भी चकरभाठा एयरपोर्ट में रहे और उन्होंने नाइट लैंडिंग समेत अन्य बिंदुओं पर प्लानिंग करते रहे। एएआई के एजीएम सुमन पोद्दार ने बताया कि 4 सी का सर्वे भी उनके प्रोजेक्ट में शामिल है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 3 सी व 4 सी आई एफआर दोनों पर सर्वे रिपोर्ट देने के लिए कहा है। एएआई के अफसर वीएफआर से आईएफआर में बदलने के लिए क्या-क्या जरूरतें होनी है इसकी रिपोर्ट तैयार करते रहे। इस बीच उन्होंने एयरपोर्ट के हर उस जगह को देखा जहां से व्यवस्थाएं संचालित हो रही है। मसलन फायर ब्रिगेड की स्थिति कहां है। टॉवर कहां और कितनी जगहों पर हैं। कम विजिबिलिटी,कोहरा या रात में लैंडिंग के लिए नाइट लैंडिंग के लिए क्या-क्या जरूरतें होंगी इसकी वे प्लानिंग करते रहे। एएआई के अफसर बुधवार को वापस चले जाएंगे और दो हफ्तों के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा कर देंगे।

समिति के पदाधिकारियों ने एएआई अफसरों से मुलाकात की
हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एएआई के अफसरों से मुलाकात की। समिति ने मुलाकात के दौरान एएआई के अफसरों से कहा कि थ्रीसी आईएफआर की रिपोर्ट वे जल्द से जल्द जमा करें। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 4 सी एयरपोर्ट 2200 मीटर पर भी बन सकता है लेकिन जमीन सेना के पास है और सेना से जमीन वापसी की प्रक्रिया जटिल है।

इसलिए एक बार में ही 3 हजार मीटर रनवे के हिसाब से एयरपोर्ट की प्लानिंग की जाए जिससे कि जरूरत के हिसाब से सेना से जमीन वापस ली जा सके। एएआई के अफसर सुमन पोद्यार,एजीएम रनवीर सिंह,एजीएम सुनील सिंह से मिलने वाले समिति के पदाधिकारियों में सुदीप श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह,महेश दुबे,समीर अहमद,मनोज तिवारी,अनिल गुलहरे और अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।