बिलासपुर में नेशनल हाईवे निर्माण के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसके एवज में किसानों को मुआवजा राशि दी गई। जिसे एक्सिस बैंक में जमा कराया गया, लेकिन बैंक प्रबंधन ने किसानों को बताए बिना ही उनकी रकम की FD (फिक्स डिपॉजिट) कर दी। इसके साथ ही मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में भी इन्वेस्ट कर दिया है। अब किसान अपनी ही राशि पाने के लिए एक साल से बैंक का चक्कर काट रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 5 साल पहले जब रायपुर-बिलासपुर और जांजगीर के लिए नेशनल हाईवे का निर्माण शुरू हुआ। इसके पहले जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई। जिन किसानों के खेत व जमीन नेशनल हाईवे व डूबान की जद में आया। उनकी जमीन का मूल्यांकन भू-अर्जन अधिकारी के माध्यम से मुआवजा प्रकरण बनाया गया। इसके तहत शहर से लगे मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत धूमा, मंजूरपहरी सहित आसपास के किसानों का जमीन अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा राशि दी गई।
किसी के घर की शादी रूकी तो कोई नहीं बनवा पा रहे मकान
किसानों ने बताया कि जब मुआवजे का चेक बंट रहा था तब बैंक वाले भी गांव पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने व्यापार विहार स्थित एक्सिस बैंक में खाता खुलवाया और चेक जमा कर दिया। चेक की राशि को जमा कर उन्हें भुगतान करना था, लेकिन, बैंक अफसरों ने किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से राशि दी। किसानों को लगा कि जब उन्हें रुपयों की जरूरत होगी, तब शेष राशि बैंक से निकाल लेंगे। इस दौरान पता चला कि उनके जमा की बैंक ने FD करा दी है। अब उसे तुड़वाने के लिए चक्कर लगा रहे थे तो पता चला कि बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में इन्वेस्ट कर दिया गया है।
मंगलवार को व्यापार विहार स्थित एक्सिस बैंक पहुंचे ग्राम धूमा निवासी किसान पिंटू धीरज व चमारा दास का कहना है कि गांव में जिन किसानों की जमीन की राशि बैंक में जमा है। उन्होंने अपने परिजन की शादी व इलाज कराने के नाम पर मुआवजे की राशि जमा की थी। इसी तरह कुछ ग्रामीण मकान बनाने के लिए रकम जमा किए थे। अब जब उन्हें रुपयों की आवश्यकता है, तब बैंक प्रबंधन उन्हें उनकी ही राशि देने में आनाकानी कर रहा है। ऐसे में किसानों का बैंक से भरोसा उठने लगा है। पीड़ित किसान अब इस मामले की शिकायत कलेक्टर व पुलिस से करने की बात कह रहे हैं।
बैंक मैनेजर ने कहा- मैं अभी जुलाई में आया हूं, क्या हुआ मुझे जानकारी नहीं
किसानों की समस्या को लेकर व्यापार विहार स्थित एक्सिस बैंक के मैनेजर आद्या कांत गोल मोल जवाब दे रहे हैं। उनका कहना है कि बैंक के संबंध में बोलने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं। मैं जुलाई में इस ब्रांच में कार्यभार ग्रहण किया हूं। अभी कुछ किसान समस्या लेकर आ रहे हैं। उनका निराकरण किया जा रहा है। पहले क्या हुआ इसकी मुझे जानकारी नहीं है। बैंक में जमा राशि भुगतान नहीं करने के संबंध में उन्होंने कहा एक सप्ताह के भीतर प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।
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