बिहार में राज्य परिवहन के 66 साल के रिटायर्ड कर्मचारी मायानंद झा गंगोत्री से कांवड़ लेकर रामेश्वरम तक 4100 किमी की पदयात्रा पर निकले हैं। वे रोज 20 किमी सफर तय करते हैं। उनके बिलासपुर पहुंचने पर लोगों ने उनका स्वागत किया। मायानंद का कहना है कि उन्होंने सनातन धर्म को बचाने का संदेश देते हुए अपनी यह यात्रा शुरू की है।
बिहार के बलिया जिले के मधुबनी के ग्राम भैरव निवासी मायानंद झा राज्य परिवहन निगम बिहार के कर्मचारी थे। रिटायर होने के बाद से देश जोड़ना और शिव आराधना उनका काम हो गया है। शिव की भक्ति में उन्होंने 10 सितंबर को हरिद्वार के गंगोत्री से कांवड़ यात्रा की शुरुआत की है। वे कावड़ लेकर पैदल रामेश्वरम तक जाएंगे, जिसकी दूरी करीब 4100 किलोमीटर है। पैदल कांवड़ यात्रा में निकले मायानंद झा हर दिन करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। रात्रि विश्राम के बार फिर अगले दिन उनकी यात्रा शुरू हो जाती है।
अमरकंटक होते हुए पहुंचे रतनपुर
पिछले सप्ताह वे मैहर होते अमरकंटक पहुंचे, जहां से छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश कर अपनी आगे की यात्रा पूरी करते हुए रतनपुर पहुंचे। शनिवार शाम को बिलासपुर पहुंचने पर महामाया चौक पर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच के पदाधिकारी और सदस्यों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया और रात में ठहरने का इंतजाम किया। रविवार को मायानंद ने फिर से अपनी यात्रा शुरू की।
मायानंद बोले- सनातन धर्म की रक्षा के लिए है यात्रा
मायानंद झा ने कहा कि सनातन धर्म को बचाने एवं देश को बुराइयों से दूर रखने की कामना लेकर वे कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। उनकी यात्रा से लोगों में आस्था का संदेश है और लोगों को धर्म की रक्षा करने का संदेश भी दे रहे हैं। अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद मायानंद झा ने जो कठिन संकल्प किया है वह सराहनीय है।
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