बिलासपुर में धान खरीदी में अनियमितता की आशंका को देखते हुए उपपंजीयक ने 20 खरीदी केंद्रों के प्रभारी व स्टॉफ को हटाकर दूसरे जगह संलग्न कर दिया है। दरअसल, उन्होंने शासन के निर्देश पर धान खरीदी केंद्र में होने वाली गड़बड़ी को देखते हुए यह व्यवस्था की है। राज्य शासन ने बीते साल हुई धान खरीदी में 3 फीसदी से व इससे ज्यादा शार्टेज पाए गए केंद्रों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
धान की खरीदी इस बार एक दिसंबर से शुरू हो गई है। इस दौरान खरीदी केंद्रों में होने वाले शार्टेज को देखते हुए राज्य शासन ने सभी कलेक्टर व सहकारी संस्थाओं को समुचित उपाय करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, पिछले साल धान खरीदी के दौरान हुए शार्टेज के चलते शासन को नुकसान हुआ था। इसलिए इस बार सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। सहकारी समितियों को धान उठाव में हुए नुकसान को देखते हुए तय किया गया है कि जहां तीन फीसद या उससे अधिक शार्टेज पाए जाने पर उसे गंभीर माना जाएगा। ऐसे खरीदी केंद्रों को चिन्हित कर वसूली की कार्रवाई कर भरपाई की जाएगी। शासन के निर्देश पर जिले के धान खरीदी केंद्रों में यह अव्यवस्था न हो इसलिए उपपंजीयक जिले के 20 खरीदी केंद्र प्रभारी के साथ ही वहां के स्टॉफ को हटा दिया है और उन्हें दूसरी जगह में अटैच किया गया है।
इन खरीदी केंद्रों के स्टॉफ हटाए गए
जिन धान खरीदी केंद्रों के प्रभारी व स्टॉफ को हटाकर अटैच किया गया है, उनमें रतनपुर, रानीगांव, लखराम, कर्रा, चपोरा, मिट्ठुनवागांव, आमागोहन, केंदा, टांडा, करगीखुर्द, नगचूई, सारधा, सेंवार, भरारी, गोड़ाडीह, भटचौरा, ओखर, कुकर्दीकला, सोन, गतौरा शामिल हैं।
जहां हुई थी गड़बड़ी वहां के स्टॉफ किए गए अटैच
उप पंजीयक मंजू महेंद्र पांडेय ने बताया कि शासन के आदेश पर जिले के धान खरीदी केंद्रों की समीक्षा की गई, जिसमें पिछले साल शासन के निर्धारित दिशा निर्देशों से ज्यादा धान का शार्टेज हुआ है। वहां के खरीदी केंद्र प्रभारी, फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी व ऑपरेटर को दूसरी जगह अटैच किया गया है। धान खरीदी में हुए शार्टेज के बाद एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था बनाई गई है। धान खरीदी पूर्ण होने के बाद उन्हें फिर से उसी जगह में पदस्थ कर दिया जाएगा।
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