जिला अस्पताल के डॉक्टरों की ड्यूटी वीआईपी आयोजन, खेलकूद, शिविर और जेल में लगाई जा रही है। इसे लेकर सिविल सर्जन ने सीएमएचओ को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि जिला अस्पताल के 31 डॉक्टर हर रोज 450 मरीजों को संभाल रहे। उसके बावजूद उन्हें कई दूसरी नौकरियां करनी पड़ रही। इससे अस्पताल के संचालन में दिक्कत आ रही है। जिला िचकित्सालय प्रबंधन और सीएमएचओ दफ्तर के बीच यह विवाद डॉक्टर शुभ्रनील घोष की जेल में ड्यूटी लगा देने के बाद शुरू हुआ है।
सीएमएचओ ने डॉ घोष की ड्यूटी जेल में नियमित तौर पर लगा दी है। उसके बाद ही सिविल सर्जन अनिल कुमार गुप्ता ने बताया है कि वे अस्पताल में रात्रिकालीन ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी और वीआईपी ड्यूटी भी करते हैं। उन्होंने लिखा है कि जिला चिकित्सालय बिलासपुर में वर्तमान में 16 विशेषज्ञ एवं 14 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं।
जिनके द्वारा सुबह 450 की ओपीडी और शाम के वक्त 15 से 20 महिलाओं की डिलीवरी और कैजुअल्टी का संचालन दिनभर किया जाता है। उन्होंने सीएमएचओ को लिखा है कि वे अपने दफ्तर के अधीन मौजूद डॉक्टरों की जेल में ड्यूटी लगाएं, जिससे अस्पताल का काम प्रभावित नहीं हों।
इधर, 7 डॉक्टरों का तबादला
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 100 से अधिक डॉक्टरों का तबादला किया है। उनमें ही सीएमएचओ दफ्तर में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैमुअल सहित जिला अस्पताल के ऑर्थो रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय मिश्रा और रेडियोलॉजिस्ट केएल उरांव का नाम शामिल है। जिन्हें दूसरे जिले में भेजा गया है। वहीं उनकी जगह पर जिला अस्पताल में तीन नए डॉक्टर भेजे गए हैं।
इसके अलावा बिलासपुर के स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ कुछ और मेडिकल अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है। उनमें डॉ. मनोज दुबे, डॉ. पूजा दुबे, डॉ. सीमा पहाड़ी का दूसरे जिले में तबादला किया गया है। उनकी जगह डॉ. मंजूलता जायसवाल, डॉ. नेहा पहवा और रवि पहवा यहां आए हैं। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ.राहुल वर्मा को जिला चिकित्सालय से कबीरधाम भेजा दिया गया है।
200 बेड व 15 प्रसूता की डिलीवरी का जिम्मा भी
जिला अस्पताल में मरीजों के लिए 200 बेड उपलब्ध है। जनरल मेडिसिन से लेकर आंख, हड्डी और अन्य 31 डॉक्टर मौजूद हैं, जो हर दिन मरीजों की जांच इलाज कर रहे। इसके अलावा इसी कैंपस में मातृ शिशु अस्पताल है जहां 100 बेड की सुविधाएं उपलब्ध है। डॉक्टर हर दिन यहां 10 सीजर और 10 नॉर्मल तौर पर प्रसूताओं की डिलीवरी करवा रहे हैं। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी बरकरार है, सेटअप के हिसाब से नए डॉक्टर नहीं मिले हैं।
अपनी समस्या बताई है
हमने जिला अस्पताल की समस्या सीएमएचओ को बता दी है। यहां जिस तरह की परेशानी है उसे पत्र लिखकर सूचना दी गई है। उन्हें अपने दफ्तर से डॉक्टर की व्यस्था करने की बात लिखी गई है। - डॉ. अनिल गुप्ता, सीएस , जिला अस्पताल
पहले से बनी है ये व्यवस्था
जिला अस्पताल के डॉक्टर जेल में ड्यूटी करते हैं। यह पहले से बनी व्यवस्था है। मैंने उसके लिए सिविल सर्जन को लिखा है। अभी उनकी ओर से जवाब नहीं आया। उन्होंने मुझे कोई चिट्ठी लिखी होगी ताे मैं दिखवा लेता हूं। -डॉ. अनिल श्रीवास्तव, सीएमएचओ,
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