रेलवे कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाली, रिक्त पदों पर भर्ती, पे-ग्रेड देने सहित अन्य मांगों को लेकर बिलासपुर में रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों ने DRM ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन कर जमकर हल्ला बोला। आल इंडिया रेलवे फेडरेशन की ओर से राष्ट्र व्यापी भूख हड़ताल का समर्थन करते हुए जोन के बिलासपुर, रायपुर और नागपुर मंडल में साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के श्रमिक यूनियन ने नारेबाजी की और पदाधिकारी धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने रेलवे को निजीकरण करने से बचाने की अपील करते हुए अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। उनका कहना था कि कर्मचारियों की सभी जायज मांगों को भारतीय रेल प्रशासन पूरा कर सकता है। लेकिन, जानबुझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
DRM ऑफिस के सामने धरने पर बैठे यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मांगों को रेलवे को हर हाल में पूरा करना होगा। नहीं तो भूख हड़ताल, विरोध- प्रदर्शन जारी रहेगा। रेलवे कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नई पेंशन नीति रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली , रनिंग कर्मचारियों एवं अन्य कोटे के कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने, रेलवे में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने, सुपरवाइजर कर्मचारियों को ग्रेड पे 4800 से 5400 में पदोन्नति लागू करने, ग्रेड पर 1800 से 1900 ग्रेड में 30% पद अपग्रेड करने, संरक्षा कोटे से सभी कर्मचारियों को जोखिम अलाउंस देने, रेलवे मकान एवं सड़क के निर्माण एवं मरम्मत के लिए पर्याप्त मद उपलब्ध कराने और आठवें वेतन आयोग का गठन शीघ्र करने की मांगें शामिल हैं। इन मांगों को लेकर आल इंडिया रेलवे फेडरेशन ने राष्ट्र व्यापी भूख हड़ताल शुरू किया है, जिसका सभी श्रमिक यूनियन समर्थन कर रहे हैं।
बिलासपुर समेत रायपुर और नागपुर मंडल में भी प्रदर्शन
यूनियन के महामंत्री मनोज बेहरा ने बताया कि बिलासपुर जोन के तीनों मंडल रायपुर, नागपुर और बिलासपुर में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन शुरू किया गया है। बिलासपुर की तरह दूसरे मंडल कार्यालयों में कर्मचारी नेताओं ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है और अपनी जायज मांगों को पूरा करने की मांग की।
रेलवे को निजीकरण से बचाना होगा
श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को निजीकरण और निगमीकरण की ओर ले जाने के लिए प्रयास कर रही है, जिसका देश भर के श्रमिक यूनियन विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में रेलवे को निजीकरण से बचाना होगा। इसी कड़ी में आल इंडिया रेलवे फेडरेशन ने बुधवार से भारतीय रेल के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। फेडरेशन के इस आंदोलन का साउथ साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे श्रमिक यूनियन ने समर्थन ने समर्थन किया है।
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