MP में पकड़े गए इंजीनियर के मौत के गुनहगार:युवक ने किया था सुसाइड,केस दर्ज होने के बाद से फरार थे कांग्रेस नेता और सरपंच

बिलासपुर5 महीने पहले
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सूदखोरों से तंग आ गए थे इंजीनियर। - Dainik Bhaskar
सूदखोरों से तंग आ गए थे इंजीनियर।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इंजीनियर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में फरार कांग्रेस नेता और पार्षद, सरपंच सहित एक अन्य को पुलिस ने मध्यप्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया है। इंजीनियर की आत्महत्या और सुसाइड नोट बरामद होने के बाद तीनों आरोपी एक माह से फरार चल रहे थे, जिन्हें पुलिस पकड़कर ले आई है। उनके पास से ब्याज के पैसे से खरीदे गए दो एसी. आईफोन, एप्पल वाच, मोबाइल और कार बरामद किया गया है। मामला सकरी थाना क्षेत्र का है।

इंजीनियर ऋषभ आसमा सिटी के रहने वाले थे। उन्होंने करीब एक माह पहले कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पास से सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने सूदखोर कांग्रेस नेताओं की प्रताड़ना की पूरी कहानी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि इन लोगों से वे त्रस्त हो चुके हैं। अब मेरे में हिम्मत नहीं है। क्योंकि मैं इनसे न लड़ सकता, न उनके मन मुताबिक पैसा दे सकता। कांग्रेस पार्षद होने के चलते मैं इन लोगों का कुछ नहीं कर सकता। इन सबसे लेनदेन में मेरी फैमिली का कोई हाथ नहीं है। उन्हें परेशान न किया जाए। आज मैं बहुत मजबूर होकर यह कदम उठाने जा रहा हूं। अब मुझमें कोई सहनशक्ति नहीं बची है। मेरे पास मरने के अलावा कोई उपाय नहीं है। इन सबको सजा जरूर दें। सूदखोरी करने वाले नेताओं ने उनसे चार गुना ब्याज वसूल लिया और उनकी कार को भी बिक्रीनामा लिखवाकर हड़प लिया।

एक माह से फरार थे आरोपी।
एक माह से फरार थे आरोपी।

SP के नाम छह पेज का लिखा सुसाइड नोट
आत्महत्या करने से पहले इंजीनियर ऋषभ ने SP के नाम छह पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था, जिसे पुलिस ने जब्त किया है। उन्होंने लिखा है कि जितेंद्र मिश्रा से चार लाख रुपए उधार लिए थे। इसके एवज में जितेंद्र हर सप्ताह 40 हजार रुपए ब्याज वसूलता था। इसके अलावा ऋषभ ने कांग्रेस नेता और वार्ड नंबर एक के पार्षद अमित भारते से भी अलग-अलग किश्तों में चार लाख रुपए उधार लिए थे। पार्षद ने उससे तीन लाख रुपए प्रतिमाह 10 प्रतिशत ब्याज में दिया था। इसी तरह एक लाख का हर दिन 10 प्रतिशत ब्याज वसूलता था।

आरोपियों ने बंद कर दिया था मोबाइल, लगातार बदल रहे थे ठिकाना।
आरोपियों ने बंद कर दिया था मोबाइल, लगातार बदल रहे थे ठिकाना।

इंजीनियर की मौत के बाद हो गए थे फरार
इंजीनियर की मौत और उनके पास से सुसाइड नोट बरामद होने के बाद पुलिस केस की जांच कर रही थी। वहीं, हांफा के सरपंच और आरोपी संदीप मिश्रा, जितेन्द्र मिश्रा और कांग्रेस नेता और पार्षद अमित भारते फरार हो गए थे। उनके खिलाफ केस दर्ज करने के बाद से पुलिस उनके ठिकानों में दबिश देकर उनकी तलाश करने का दावा करती रही। करीब एक माह बाद पुलिस ने भोपाल में दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया है।

भोपाल से पकड़े गए तीनों आरोपी।
भोपाल से पकड़े गए तीनों आरोपी।

वाट्सएप कॉल का कर रहे थे उपयोग
एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि तीनों आरोपी एक साथ घूम रहे थे। पुलिस उन्हें लगातार ट्रेस कर रही थी। आरोपी अपने मोबाइल फोन को बंद कर वाट्सएप कॉल करते थे। ऐसे में जानकारी मिल रही थी कि तीनों आरोपी एक साथ हैं और लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। उनके मोबाइल फोन को लगातार सायबर सेल के सहयोग से ट्रैक किया जा रहा था। इसी दौरान उनके भोपाल में होने की जानकारी मिली, तब टीम भोपाल पहुंची और हबीबगंज स्टेशन के पास घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया।

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