छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिक पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। युवक मानसिक रूप से बीमार था, जिसे अंध विश्वास में आकर बैगा ने प्रेत बाधा और भूत भगाने का दावा किया। वह चार दिन तक युवक को गरम त्रिशूल से जलाता रहा, जिससे उसके शरीर में फफोले पड़ गए, और जलने से उसकी मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने बैगा के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। घटना मस्तूरी थाना के मल्हार चौकी क्षेत्र की है।
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जानकारी के अनुसार रतनपुर क्षेत्र के ग्राम पोड़ी निवासी फेकूराम निर्मलकर (35) मानसिक रूप से बीमार था। चार माह पहले उसकी पत्नी गंगाबाई उसका इलाज करा रही थी। इस दौरान उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। इस बीच मल्हार क्षेत्र के ग्राम जूनवानी में रहने वाले उसके रिश्तेदार लीला रजक ने दावा किया कि उस पर प्रेत बाधा है, और उसे भूत पकड़ता है। वह भूत भगाने के लिए झाड़-फूंक करता है। वह अपने झाड़-फूंक से फेकूराम को ठीक करने का दावा किया।
चार दिन तक गर्म त्रिशूल से जलाया, शरीर में पड़ गए फफोले
बैगा लीला रजक की बातों में गंगाबाई अपने पति का झाड़-फूंक कराने के लिए 23 अक्टूबर को ग्राम जूनवानी गई। यहां वह चार दिन 26 अक्टूबर तक रिश्तेदार लीला रजक के यहां रही। इस दौरान लीला रजक तंत्र-मंत्र और झाड़ फूंक कर त्रिशूल को गर्म कर फेकूराम के शरीर के अलग-अलग हिस्सों को जलाता रहा। चार दिन तक इस तरह से त्रिशूल से जलाने से उसके शरीर में फफोले पड़ गए और उसकी तबीयत बिगड़ गई। तब गंगाबाई अपने पति को लेकर वापस पोड़ी आ गई, जहां उसे इलाज के लिए रतनपुर अस्पताल ले गए। यहां 31 अक्टूबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर बोला- जलने के इन्फेक्शन से हुई मौत
फेकूराम की मौत की सूचना पर पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया। इस दौरान डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि जलने से शरीर में हुए इन्फेक्शन से उसकी मौत हुई है। लिहाजा, पुलिस ने जांच के बाद आरोपी लीला रजक के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर आरोपी लीला रजक को गिरफ्तार कर लिया है।
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