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वेटनरी डॉक्टर ने किया फर्जीवाड़ा:इंश्योरेंस कंपनी का फर्जी कागजात बनाकर उद्यमियों को बांट दिया, जांच में सामने आई गड़बड़ी, अब धोखाधड़ी का केस दर्ज

बिलासपुर7 महीने पहले
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गायों का किया फर्जी बीमा। - Dainik Bhaskar
गायों का किया फर्जी बीमा।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पशु चिकित्सा विभाग में डेयरी उद्यमिता योजना के तहत गायों के बीमा करने में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। विभाग के वेटनरी डॉक्टर ने उद्यमियों को दिए गए गायों का फर्जी बीमा प्रमाण पत्र बांट दिया। गाय की मौत होने पर जब बीमा क्लेम किया गया, तब पूरी गड़बड़ी का खुलाासा हुआ। इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले वेटनरी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

पशु चिकित्सा विभाग ने साल 2016 में डेयरी उद्यमिता के लिए उद्यमियों को शासन की योजना के तहत गाय खरीदी करने के लिए अनुदान राशि दी थी। योजना के अनुसार अलग-अलग उद्यमियों को एक लाख 50 हजार रुपए तक अनुदान के साथ बैंक लोन की सुविधा भी दी थी। इस दौरान उद्यमियों को दिए जाने वाले गायों का बीमा भी कराना था। ताकि गाय के मरने पर उद्यमी क्लेम कर क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्त कर सके। लेकिन, पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक कार्यालय में पदस्थ वेटनरी डॉक्टर बीपी सोनी ने योजना के तहत दिए गए गायों का फर्जी तरीके से बीमा कर दिया था। उन्होंने बीमा कंपनी के नाम से कूटरचित दस्तावेज तैयार किया और प्रमाणपत्र बनाकर उद्यमियों को बांट दिए। इसके एवज में बीमा की राशि भी वसूल लिया।

पशु चिकित्सा विभाग ने डेयरी व्यवसाय के लिए बांटे थे गाय।
पशु चिकित्सा विभाग ने डेयरी व्यवसाय के लिए बांटे थे गाय।

गाय की मौत होने पर सामने आया फर्जीवाड़ा
उसलापुर के गुलमोहर पार्क कॉलोनी निवासी किरण सिंह ने भी योजना के तहत 10 गाय ली थी। इनमें से दो गाय की मौत होने पर उन्होंने बीमा के लिए संबंधित बीमा कंपनी में दावा करने के लिए आवेदनपत्र जमा करने पहुंची। वहां दस्तावेज दिखाने के बाद पता चला कि बीमा का कागजात फर्जी है और बीमा कंपनी से गायों का बीमा ही नहीं कराया गया है।

पुलिस ने दर्ज किया धोखााधड़ी का केस
सिविल लाइन TI परिवेश तिवारी ने बताया कि किरण सिंह (37) ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने अपने 10 पशुओं का इंश्योरेंस करवाने के लिए संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा कार्यालय में पदस्थ नर्मदा नगर निवासी वेटनरी डॉक्टर बीपी सोनी को पैसे दिए थे। उन्होंने दी ओरिएण्टल इंश्योरेंस कंपनी के कवर लेटर के साथ बीमा के दस्तावेज उन्हें दिए थे। इसके आधार पर उन्होंने बीमा क्लेम के लिए कंपनी में दस्तावेज जमा किए तो मालूम हुआ कि दस्तावेज फर्जी हैं। उनकी शिकायत की जांच के बाद वेटनरी डॉक्टर बीपी सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

विभागीय जांच में भी वेटनरी डॉक्टर को ठहराया दोषी
स दौरान पीड़ित पक्ष ने इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की थी। तत्कालीन कलेक्टर ने इसकी जांच के निर्देश दिए और तीन अफसरों की टीम बनाई। टीम ने विभागीय जांच की, तब शिकायत सही मिले। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर बीमा कंपनी के फर्जी दस्तावेज बनाने का खुलासा हुआ। जांच रिपोर्ट को आधार मानकर पुलिस ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज किया है।

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