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क्रिसमस पर इस बार एंग्लो इंडियन समुदाय भी सादगी से रहेगा। कोरोना संक्रमण की वजह से विदेशों से आने वाले मेहमान शहर नहीं पहुंच पाए हैं। अपनों के साथ हर साल क्रिसमस मनाने वाले इस समुदाय के लोगों ने भी इस बार कोई कार्यक्रम प्लान नहीं किया है। सभी अपने-अपने घरों में रहेंगे। चर्च से जिनके लिए बुलावा आएगा सिर्फ वे ही वहां जाएंगे। एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए क्रिसमस का पर्व सबसे बड़ा खुशियों वाला है। शहर में इनकी संख्या एक हजार के लगभग है। पूरे सप्ताह कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इस बार सभी कार्यक्रम स्थगित रखे गए हैं। यहां तक कि बच्चों को टॉफी, चॉकलेट और गिफ्ट बांटने वाले सांता क्लास भी नहीं निकले। इस समुदाय के लोग 25 दिसंबर को सिर्फ चर्च जाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देकर घर लौट जाते हैं। ऑल इंडिया एंग्लो इंडियन एसोसिएशन के बिलासपुर अध्यक्ष पैनी थॉर्प व ऑल इंडिया एंग्लो इंडियन विंग छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एंड्रयू मैकफारलैंड ने बताया कि इस बार न तो बाल डांस होगा और न ही बच्चों व वरिष्ठ लोगों का फैंसी ड्रेस कंपीटिशन होगा। वरिष्ठ लोगों का नाइट डांस भी नहीं होगा। इस डांस में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। इस बार कोई गिटार, ड्रम आदि म्यूजिकल सिस्टम लेकर किसी के घर नहीं जाएगा। हर कोई अपने-अपने घरों में गीत-संगीत का मजा लेंगे। उन्होंने बताया कि हर साल पूरे समूह के लिए अलग-अलग तरह से नॉनवेज आइटम तैयार होते थे। वे इस बार नजर नहीं आएंगे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लोग आस्ट्रेलिया, सिडनी, इंग्लैंड, कुवैत, शारजहां, अमेरिका में रहते हैं। इस समय वहां पर अवकाश होता है इसलिए सभी लोग क्रिसमस में इकट्ठे होते थे । शहर में मौजूद 350 परिवारों में लगभग 100 लोग विदेशों से यहां आते थे। उनके आने से माहौल ही अलग हो जाता है।
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