छत्तीसगढ़ के यात्रियों को वंदेभारत ट्रेन की सुविधा मिलने वाली है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। यह गाड़ी सप्ताह में छह दिन बिलासपुर से नागपुर के बीच चलेगी। इसकी अधिकारिक समय सारिणी तय नहीं की गई है। उम्मीद है कि ट्रेन 11 दिसंबर से पटरी पर दौड़ने लगेगी। इसकी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की है। फिलहाल इसे इस रूट पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाकर देखा जा चुका है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन को एक वंदे भारत ट्रेन मिल गई है। इसके साथ रूट भी तय हो गया। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली इस ट्रेन के परिचालन की तैयारी भी शुरू हो गई है। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद जोन और मंडल के रेल अफसरों ने कोचिंग डिपो का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। परिचालन, मैकेनिकल, विद्युत, कमर्शियल विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हैं।
160 किमी प्रतिघंटे की है रफ्तार
बताया जा रहा है कि यह वंदेभारत ट्रेन भारत में सबसे तेज चलनी वाली गाड़ी है। यह ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड पकड़ लेती है। फिलहाल इसे रेलवे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला रही हैं, जिसे 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक ले जाने का प्लान है। यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित और इसमें ऑटोमेटिक गेट लगे हैं। इस ट्रेन में सिक्योरिटी के लिहाज से सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। इस ट्रेन के लगेज रैक में एलईडी डिफ्यूज लाइट्स लगी हैं, जो अक्सर विमानों में लगी होती हैं।
400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की हुई थी घोषणा
केंद्रीय बजट में अगले तीन साल में नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई थी। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन की सौगात जोन को मिलने के अब तक केवल संकेत मिल रहे थे। अब रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है। हालांकि अभी अधिकारी इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
रेलवे का संभावित टाइम-टेबल
छत्तीसगढ़ की पहली वंदेभारत एक्सप्रेस 11 दिसम्बर से पटरी पर दौड़ेगी। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली इस ट्रेन के लिए संभावित समय सारिणी बनाई गई है। वंदे भारत ट्रेन का बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया और नागपुर स्टॉपेज दिया जाएगा। यह गाड़ी शनिवार को छोड़ सप्ताह में 6 दिन चलाई जाएगी। यह गाड़ी बिलासपुर से सुबह 6.45 बजे छूटकर 12.15 बजे नागपुर पहुंचेगी। वहां से 2.5 बजे दोपहर में रवाना होकर 7.35 बजे वापस बिलासपुर पहुंचेगी। संभावित टाइम टेबल के अनुसार सुबह 8.6 बजे रायपुर, 8.47 बजे दुर्ग, 10.35 बजे गोंदिया और 12.15 बजे नागपुर पहुंचेगी। फिर नागपुर से दोपहर 2.5 बजे रवाना होकर 3.46 बजे गोंदिया, 5.30 बजे दुर्ग, 6.8 बजे रायपुर और 7.35 बजे बिलासपुर पहुंचेगी।
6 महीने पहले हुआ था स्पीड ट्रायल
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन से गुजरने और यहां से चलने वाली ट्रेनों की स्पीड़ 130 किमी प्रतिघंटा करने के लिए छह माह पहले ट्रायल हुआ था। वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने के हले 25 मई को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन की टीम ने दुर्ग से झारसुगड़ा के बीच डाउन लाइन पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर पटरियों का परीक्षण किया था। अब वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने के बाद बिलासपुर से रायपुर तक लोग एक घंटे में पहुंचेंगे।
रेलवे रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम ने छह माह पहले 25 मई को रेलवे प्रशासन के साथ दुर्ग में 24 कोच वाली एलएचबी रैक को संपूर्ण साजो सामान के साथ तैयार रखा था। 24 कोच में उतना सामान भरा गया जितना वजन यात्रियों का होता है। अमूमन एक कोच में यात्रियों की संख्या 100 मानकर वजन रखा गया था। सुबह 6.45 बजे आरडीएसओ के अफसरों के साथ रेलवे के मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल, कोचिंग, लाइन कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट सहित अन्य विभागों के अधिकारीव व कर्मचारी ट्रेन में थे।
डेढ़ घंटे में बिलासपुर और दो घंटे में झारसुगुड़ा पहुंची ट्रेन
ट्रायल के दौरान ट्रेन 6.55 बजे दुर्ग से डाउन लाइन पर रवाना हुई। इस ट्रेन को 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलाते हुए सुबह 8.35 बजे यानी 1.30 मिनट में यह ट्रेन बिलासपुर पहुंची थी। यहां से यह ट्रेन रवाना होकर 10.35 बजे झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन पहुंच गई थी। मतलब 200 किलोमीटर का सफर इस ट्रेन दो घंटे में तय किया। इसके लिए पहला ट्रायल रेलवे सेफ्टी कमेटी ने अक्टूबर 2021 में लिया था। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर चली गई थी। अब ट्रैक निरीक्षण के लिए टीम आई है।
सीआरएस की रिपोर्ट के बाद पटरी पर लाने लिया गया फैसला
आरडीएसओ की रिपोर्ट के आधार पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी। इन दिनों सवारी गाड़ियों को 130 किमी प्रति घंटे की दर से चलाने की योजना है। दुर्ग से झारसुगुड़ा के बीच डाउन लाइन का परीक्षण हो गया अब झारसुगुड़ा से दुर्ग तक अप लाइन का निरीक्षण किया गया। यह परीक्षण बिलासपुर डिवीजन का है। इसके बाद टीम ने रायपुर डिवीजन के अप, मिडिल व डाउन तीनों लाइन का निरीक्षण किया था। लखनऊ की टीम अपनी जांच रिपोर्ट कोलकाता सर्किल के सीआरएस, कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी को दी थी, जिसके बाद वंदे भारत ट्रेन को शुरू करने का फैसला लिया गया है।
पहले 110 थी ट्रेनों की रफ्तार
बिलासपुर जोन से गुजरने और यहां से चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसमें डेमू ओर मेमू की रफ्तार 100 किलोमीटर तक ही है। इस रफ्तार को 130 किलोमीटर तक किया जाना है। वहीं मालगाड़ी 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।
30 सितंबर को पीएम ने दिखाई थी हरी झंडी
नई पीढ़ी की इस वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन को 30 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। मोदी ने गांधीनगर से लेकर अहमदाबाद तक इसमें यात्रा भी की थी।
सेमी-हाई स्पीड ट्रेन की खासियत
वंदे भारत एक्सप्रेस एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है और यह अपने पुराने रूप से भी बेहतर है। नई वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। इसमें रिक्लाइनिंग सीट लगाई गई है। इसमें ऑटोमेटिक फायर सेंसर की व्यवस्था की गई है। इसमें वाईफाई सुविधा के साथ ऑन-डिमांड कंटेंट की व्यवस्था है। इस अपग्रेडेड ट्रेन में तीन घंटे का बैटरी बैकअप है। पहले यह बैकअप एक घंटे का था।
सिक्योरिटी से लैस वंदेभारत ट्रेन
देश में पहली बार पानी का गिलास रखकर 180 की स्पीड से दौड़ाई ट्रेन
वंदेभारत एक्सप्रेस सेमी हाई स्पीड ट्रेन 24 अगस्त को कोटा स्टेशन पर स्पीड ट्रायल के लिए पहुंची थी। कोटा में 6 ट्रायल हुए। पहला ट्रायल कोटा और घाट का बराना, दूसरा घाट का बराना और कोटा, तीसरा कुर्लासी और रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर, चौथा और पांचवां कुर्लासी और रामगंज मंडी और छठवां रामगंज मंडी और लबान डाउन लाइन पर हुआ था। ट्रायल के दौरान ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा थी। पानी का भरा हुआ गिलास रखकर ये ट्रायल किए गए, लेकिन 180 की स्पीड के बावजूद पानी नहीं छलका।
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