बिलासपुर में पुलिस ने रविवार को 16 साल की लड़की की शादी रुकवा दी। गांव में वैवाहिक रस्में पूरी कर बारात का इंतजार हो रहा था। तभी पुलिस खबर मिलते ही पुलिस गांव पहुंच गई। इस दौरान चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास विभाग के साथ मिलकर उसके ससुरालवालों से संपर्क कर उन्हें बारात नहीं लाने की चेतावनी दी। साथ ही परिजनों से शपथ पत्र भी लिया। मामला बिल्हा थाना क्षेत्र का है।
पुलिस के डायल 112 को रविवार दोपहर सूचना मिली कि बिल्हा क्षेत्र के ग्राम दुर्गडीह में नाबालिग लड़की के परिजन उसकी शादी रचा रहे हैं। खबर मिलते ही पुलिस ने बाल संरक्षण इकाई की टीम को इसकी जानकारी दी। इसके बाद टीम पुलिस के साथ गांव पहुंच गई। यहां पूछताछ करने पर पता चला कि 16 साल की लड़की की शादी कराई जा रही है।
परिजनों को दी समझाइश, शादी करने अड़े रहे घरवाले
बाल संरक्षण अधिकारी के साथ ही महिला बाल विकास विभाग व केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित संस्था चाइल्ड लाइन की टीम पुलिस लेकर गांव में लड़की के परिजनों को समझाइश देने लगे। लेकिन, उसके परिजन बदनामी और शादी टूटने के बाद दोबारा शादी नहीं होने बहानेबाजी करते रहे और अड़ गए। तब उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तत कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई। इसके साथ ही लड़की के ग्राम मोहभट्ठा स्थित ससुरालवालों को भी बारात नहीं लाने की चेतावनी दी गई।
टीम ने परिजनों से लिया शपथ पत्र
टीम ने परिजनों को बताया कि कानूनी रूप से नाबालिग लड़की की शादी करना और उसमें शामिल होना भी अपराध है। बाल विवाह में जो भी ब्यक्ति सहयोग करता है उसे एक लाख तक का जुर्माना और 2 साल तक सजा का प्रावधान है। इस दौरान टीम ने परिजन को लड़की की आयु 18 वर्ष होने पर ही शादी करने के संबंध में शपथ-पत्र लिया। इस कार्रवाई में बाल संरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा, आउटरिच वर्कर देव सिंह, चाइल्ड लाइन बिलासपुर के केंद्र समन्वयक पुरुषोत्तम पांडेय, धर्मेंद्र कौशिक, बिल्हा थाना के स्टाफ, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद रहे।
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