बिलासपुर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री के बाद अब अव्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगा है। जहां ओमिक्रॉन को लेकर दहशत है। वहीं, ओमिक्रॉन के सैंपल रिपोर्ट की लेटलतीफी से संक्रमण फैलने का भी खतरा है। बुधवार को ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई, तब परिवार दुकान खोलकर बैठा हुआ था। ऐसे ही ओमिक्रॉन संदिग्ध व परिवार के 10 अन्य सदस्य भी है, जिनकी रिपोर्ट नहीं आई है।
शहर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का मरीज मिलने के बाद इस नए वैरिएंट को लेकर दहशत फैल गया है। माना जा रहा है कि इस नए वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 300 लोगों को संक्रमित कर सकता है। ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिलने के बाद साफ जाहिर है कि शहर में विदेश से लौटे और संदिग्ध अभी भी शहर में घूम रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने विदेश से आने वालों की निगरानी करने का दावा किया है। लेकिन, उनके घर से बाहर निकलने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। CMHO डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि जब तक ओमिक्रॉन की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक मरीजों को घर में ही रहना है। लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। अभी भी 10 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए भेजा गया है।
विदेश से लौटे हैं 328 लोग
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 328 लोग विदेश से शहर लौटे हैं। जिन्हें होम आइसोलेशन में रखने का दावा किया गया है। हालांकि, आधे से ज्यादा लोगों ने होम क्वारैंटाइन पीरियड पूरा कर लिया है और करीब 150 लोग होम आइसोलेशन में हैं। इनमें जो कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, उनका जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए रिपोर्ट भुवनेश्वर लैब भेजा गया है। आठ की रिपोर्ट आ गई है। इनमें एक पॉजिटिव मिले हैं। जबकि, सात की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, दस मरीजों का रिपोर्ट आना बाकी है।
रोजाना पांच प्रतिशत का भेजना होगा सैंपल
शहर में ओमिक्रॉन मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि इसका संक्रमण फैलने लगा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने ओमिक्रॉन को लेकर एहतियात बरतने का दावा किया है। अफसरों ने बताया कि अब हर दिन मिलने वाले मरीज में से पांच प्रतिशत मरीजों का सैंपल जिनोम सिक्विेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। इससे यह पता लगेगा कि कोरोना पॉजिटिव में ओमिक्रॉन का वायरस है या नहीं।
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