सहारा इंडिया सोसायटी से भुगतान की मांग को लेकर निवेशकों ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले निवेशकों ने बिलासपुर में आंदोलन भी किया। लेकिन, फिर भी उनके 500 करोड़ रुपए जमा राशि नहीं लौटाई गई। याचिका में सोसायटी प्रमुख सुब्रत रॉय, RBI, SEBI सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है।
सहारा इंडिया सोसायटी के जमाकर्ताओं का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे परेशान होकर अविनाश दार्वेकर, याजुवेंद्र त्रिवेदी, नारायण मूर्ति, अशोक बासु, बनानी घोष, पुर्शोत्तन श्रीवास, सूबेदार यादव और अन्य ने मिलकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता डॉ. सचिन अशोक काले एवं अन्य वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सहारा इंडिया सोसायटी के अफसर सेबी सहारा विवाद के कारण भुगतान में देरी होने का हवाला दे रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि सेबी की ओर से खुद बताया गया है कि इस विवाद में सेबी को कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद भी सहारा सोसायटी के अफसर जानबूझकर झूठे तथ्यों को भोली भली जनता को बताकर बरगलाया रहे हैं और जमाकर्ताओ की राशि में हेराफेरी की जा रही है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि सहारा इंडिया सोसायटी ने बिलासपुर जिले से करीब 500 करोड़ रुपए अपनी योजनाओ में जमा कराया है, जिसकी अवधि पूरी होने के बाद भी जमाकर्ताओं को उनकी राशि नहीं दी जा रही है। ऐसे में हजारों निवेशक परेशान हैं। वहीं, अफसर जमाकर्ताओं को उनकी ही राशि लौटाने में तरह-तरह की बहानेबाजी कर रहे हैं।
आंदोलन व विरोध प्रदर्शन का भी नहीं हुआ असर
सहारा सोसायटी से भुगतान की मांग को लेकर स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आन्दोलन हो रहे हैं और अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। बिलासपुर में भी सहारा जमाकर्ता कार्यकर्त्ता मंच की ओर से राशि भुगतान की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चुका है। विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अपने भुगतान को लेकर आवेदन दिया। लेकिन, इस दिशा में प्रशासनिक अफसर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पुलिस भी उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
याचिकाकर्ताओ ने अपनी याचिका में भारतीय रिज़र्व बैंक, सेबी, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, तारबाहर थाना प्रभारी सहित सहारा सोसायटी के स्थानीय, राज्य स्तरीय और केन्द्रीय प्रबंधन को, सुब्रत राय सहारा सहित अन्य को पक्षकार बनाया है। इस मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, जिसमें सभी पक्षकारों को जवाब देना होगा।
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