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कोविड अस्पताल की अव्यवस्थाओं से परेशान कोरोना मरीज ने नीचे आकर अस्पताल के मेन गेट पर सोमवार की सुबह हंगामा मचा दिया। मरीज ने हंगामा इसलिए मचाया कि उसकी मां नाश्ता और कुछ सामान लेकर उसे देने आई थी। लेकिन कोई मरीज तक उसे पहुंचाने नहीं जा रहा था।
परेशान मां ने जब अपने बेटे को बताया तो मरीज ने अपनी मां को मेन गेट के बाहर बुलाया और खुद नीचे उतरकर सामान लेने पहुंच गया। वहां तैनात सुरक्षा गार्ड ने मरीज को मना करने की कोशिश की तो मरीज ने उसके साथ बदतमीजी की।
मरीज इतनी तेज आवाज से चिल्ला रहा था कि रोड से आने-जाने वाले लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई। चूंकि कोरोना मरीज था इसलिए मरीज के पास कोई जा नहीं सकता था। हंगामे को बढ़ता देख गार्ड ने डॉक्टर अनिल गुप्ता को फोन पर जानकारी दी। जिसके बाद डॉक्टर गुप्ता और उनके कर्मचारी पहुंचे तब जाकर मामला शांत हो पाया।
सरकंडा का रहने वाल है मरीज, 30 मार्च से भर्ती है: बता दें कि 33 वर्षीय युवक सरकंडा का रहने वाला है। 30 मार्च से वह कोविड अस्पताल में भर्ती है। मरीज को प्राइवेट रूम नंबर 212 में रखा गया है। दो तीन दिन पहले पानी नहीं आने के कारण भी मरीज परेशान हो गया था। इसकी जानकारी मरीज ने वहां के कर्मचारियों को बताई थी।
मैंने समझाने की कोशिश की लेकिन मरीज गाली देने लगा
सुरक्षा गार्ड सोने दास ने बताया कि मरीज की मां मेन गेट के बाहर आकर खड़ी थी मैंने उनसे सामान पहुंचवा देने के लिए कहा था। सुबह का समय था। अंदर मैं जाता नहीं हूं इसलिए मैंने कुछ देर बात पहुंच जाएगा ऐसा कहा था। थोड़ी देर बाद देखा तो मरीज खुद नीचे उतरकर आया। मैंने उनसे कहा कि ऐसा आपको बिल्कुल नहीं करना चाहिए, इतना कहा ही था कि मरीज मुझे गाली देने लगा। चिल्लाने लगा।
मैंने गाली-गलौज नहीं की बल्कि रिक्वेस्ट करता रहा
33 वर्षीय मरीज का कहना है कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी है। मेरी मां 80 वर्ष की हैं। वे सुबह मेरे लिए जूस लेकर आईं थीं। जब मेरे तक सामान पहुंचाने वाला कोई नहीं मिला तो मैने सोचा जूस खराब न हो जाए इसलिए मैं नीचे उतरकर आ गया। मैने गार्ड को किसी तरह की गाली-गलौज नहीं दी है। मैने तो उनसे रिक्वेस्ट की थी कि मुझे मेरा सामान ले लेने दो। आप नीचे क्यों उतरे इस सवाल पर मरीज ने कहा कि अंदर कोई दिख नहीं रहा था।
मैं खुद अपना नंबर दे रखा हूं, फिर भी हंगामा कर रहे
डॉक्टर अनिल गुप्ता का कहना है कि एक दिन पहले मरीज ने मुझे पानी नहीं आने की शिकायत की थी। मैंने कर्मचारी को भेजकर चेक कराया तो सब ठीक था। मरीज की गलती है। उसे नीचे उतरकर नहीं आना था। मैंने खुद मरीज को अपना पर्सनल नंबर दे रखा है कि उसे कोई परेशानी हो तो मुझे फोन करे। सरकारी व्यवस्था के तहत अंदर अच्छा भोजन मिल रहा है।
वैसे तो मरीजों को बाहर से खाना देना नहीं चाहिए फिर भी हम मदद कर देते हैं कि चलो कोई परेशान न रहे, इसके बाद भी लोग हमारे कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। हंगामा मचाते हैं। प्रभारी सिविल सर्जन प्रमाेद महाजन का कहना है कि बिना किसी वजह के मरीज ने हंगामा मचाया है। उसे नीचे नहीं आना चाहिए लेकिन काैन समझाए लाेगाें काे। सारी व्यवस्थाएं है फिर भी लोग ऐसा कर रहे हैं।
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