छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के फैमिली कोर्ट में जज ने सिपाही से वकील का हाथ पकड़कर बाहर निकलवा दिया। इससे नाराज जिला अधिवक्ता संघ ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और फैमिली कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए जमकर हल्ला बोला। वकीलों ने जज से माफी मांगने की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
यहां फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के आपसी विवाद का मामला चल रहा है। महिला की तरफ से वकील दाऊ चंद्रवंशी पैरवी करने के लिए खड़े थे। तलाक और भरण-पोषण के इस केस में कोर्ट के आदेश पर महिला को पति की ओर से भरण पोषण की राशि नहीं दी जा रही थी। शुक्रवार को उनकी पेशी थी। इस दौरान महिला के पति की तरफ से वकील ने समझौता करने के लिए प्रस्ताव रखा। साथ ही कहा कि 6 लाख रुपए देकर वह तलाक ले ले। तब महिला और उनके वकील दाऊ चंद्रवंशी ने कहा कि छह लाख रुपए तो भरण पोषण का ही बकाया है। ऐसे में समझौता करने के लिए और अतिरिक्त रकम देना चाहिए।
जज ने दूसरे कोर्ट में केस ट्रांसफर करने दी चेतावनी
इस दौरान दोनों पक्षों में सुलह नहीं होने पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद ने केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि तलाक के लिए पति और पत्नी के बीच समझौता नहीं बन पा रहा है। इसलिए इसे दूसरे कोर्ट को भेजा जाएगा।
हाथ पकड़कर सिपाही से निकलवाया बाहर, तब भड़के वकील
जज के इस केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने पर अधिवक्ता दाऊ चंद्रवंशी ने उन्हें सुनवाई करने का आग्रह किया। इससे नाराज प्रधान न्यायाधीश ने सिपाही को बुलवा लिया और वकील का हाथ पकड़कर कोर्ट से बाहर करा दिया। इसकी जानकारी वकील चंद्रवंशी ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को दी। इसके बाद भड़के वकील फैमिली कोर्ट पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बोले- आए दिन दुर्व्यवहार की मिल रही थी शिकायत
इधर, अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर वाजपेयी ने कहा कि फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद के खिलाफ वकील लगातार शिकायत कर रहे थे। वकीलों के साथ दुर्व्यवहार करना गंभीर मामला है। इसलिए आज अधिवक्तागण नाराज हो गए और विरोध-प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से की जाएगी और जज के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।
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