शक्ति की भक्ति का पर्व नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रहा है। शहर के मंदिरों में पूजा-अर्चना और ज्योति, जवारा स्थापित कर घट स्थापना की गई। शहर में 300 से ज्यादा पंडाल सज गए हैं। रतनपुर स्थित आदिशक्ति महामाया मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल है, जहां 25 हजार मनोकामना ज्योति प्रज्वलित हो रही है।
मान्यता है कि देश के 51 शक्तिपीठों में से एक रतनपुर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी का मंदिर हैं। नवरात्रि में यहां माता के दर्शन करने भक्तों की दिन-रात लाइन लगी रहती है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार सुबह से ही यहां भक्तों का भीड़ रहती है। इसके पहले रविवार से ही मंदिर में पूजा की तैयारी पूरी कर ली गई थी। आदिशक्ति महामाया मंदिर की सबसे खास बात ये है कि मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। आवश्यकता अनुसार मंदिर का स्वरूप बढ़ता गया,लेकिन पूजा की पंरपरा आज तक नहीं बदली गई है। मां महामाया का नवरात्रि के समय 9 दिन तक वस्त्र नहीं बदलता है। 9 दिन तक माता का गर्भ गृह और पट भी बंद नहीं होता है।
रात में मंदिर का हुआ शुद्धिकरण
मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा ने बताया कि रविवार को महामाया मंदिर में नवरात्रि पर्व की तैयारी पूरी कर ली गई थी। शाम 4 बजे तक भक्तों ने माता के दर्शन किए। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया। शाम 4 से लेकर रात 10 बजे तक माता का शुद्धिकरण किया गया। गर्भ गृह का शुद्धिकरण मुख्य पुजारी शशि मिश्रा व उनके परिवार ने किया।
विशेष आराधना के साथ हुई घट स्थापना
सोमवार की सुबह 5 बजे माता का नव श्रृंगार किया गया। उन्हें अभिषेक कराया गया। नए वस्त्र धारण कराए गए। स्वर्ण मुकुट व नथिया पहनाई गई। सुबह 7 बजे से घट स्थापना शुरू हुई। इसके बाद माता 9 दिन व रात पूजा की मुद्रा में रहेंगी। भक्त माता का दर्शन करेंगे। लेकिन अष्टमी तक माता का वस्त्र नहीं बदला जाएगा। प्रतिदिन के अनुसार पूजा होगी। अब अष्टमी हवन के बाद माता का वस्त्र बदला जाएगा। 9वें दिन माता का श्रृंगार होगा।
मंदिरों में जले मनोकामना के दीप
महामाया देवी मंदिर में नवरात्रि पर्व के पहले ही दिन भक्तों की भीड़ मंदिर में जुटने लगी है। यहां इस बार 25 हजार मनोकामना ज्योति प्रज्वलित हो रही है। इसमें 19 हजार 850 तेल और 2900 घी की ज्योति हैं। इसके अलावा आजीवन जल रही ज्योति में तेल की 1190 और घी की 451 संख्या हैं। इसी तरह शहर के देवी मंदिरों में तिफरा स्थित काली मंदिर, हरदेव लाल मंदिर, जरहाभाठा स्थित दुर्गा मंदिर, सरकंडा के बंधवापारा स्थित मां सतबहिनया मंदिर में ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए। सुबह माता का अभिषेक व श्रृंगार किया गया।
शतचंडी यज्ञ के साथ ही होंगे जस गीत
सतीश शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में देवी मंदिर में नवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना की जा रही थी। इसके साथ ही अन्य अनुष्ठान व आयोजन बंद थे। अब इस बार मंदिर भक्तों से फिर से गुलजार हो गया है। महामाया मंदिर परिसर में शतचंडी यज्ञ, सप्तसती पाठ के साथ ही जसगीत का आयोजन होगा। पूरे 9 दिनों तक मंदिर में श्रद्धालु सुबह पांच बजे से रात 12 बजे तक दर्शन कर सकेंगे और भंडारे का प्रसाद भी ग्रहण करेंगे।
150 जवानों की लगाई गई ड्यूटी
शारदीय नवरात्रि की तैयारियों को लेकर सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर ट्रस्ट के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई है। इन मंदिरों में इतनी ज्योति प्रज्वलित
महामाया मंदिर रतनपुर 25000
काली मंदिर तिफरा 3500
सतबहिनीया मंदिर बंधवापारा 701
भैरव बाबा मंदिर रतनपुर 700
हरदेव लाल मंदिर 555
श्री सिद्ध विनायक मंदिर रतनपुर 500
मां मंगला गौरी धाम पोड़ी 351
काली मंदिर कुदुदंड 351
दुर्गा मंदिर जरहाभाठा 321
दुर्गा मंदिर पुलिस लाइन 155
जवाली पुल दुर्गा मंदिर 125
सिद्ध पीठ मां गढ़कलिका देवी 51
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