बिलासपुर में कोरोना की रफ्तार अब तेज हो गई है। कम्यूनिटी स्प्रेड की आशंका के बीच अब संक्रमण परिवार में बच्चों तक पहुंचने लगा है। बुधवार को 24 घंटे के भीतर एक साथ 27 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं। इधर, एक ही दिन में 250 पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हालत चिंताजनक होने लगी है। अब एक्टिव मरीजों की संख्या जनवरी के पांच दिनों में ही 764 पहुंच गई है।
दिसंबर के आखिरी सप्ताह से कोरोना वायरस धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। लेकिन, जनवरी के पहले दिन से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। महज एक से पांच जनवरी के बीच 58 से बढ़कर अब 250 तक पहुंच गई है। संक्रमितों का आंकड़ा रोज बढ़ने लगा है। संक्रमितों में डॉक्टर, अस्पताल स्टाफ के साथ ही शिक्षा विभाग, पुलिस कर्मी व उनके परिवार के साथ ही रेलकर्मी व SECL के कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले हैं।
आयुर्वेदिक कॉलेज व त्रिवेणी डेंटल कॉलेज में भी मरीज
बुधवार को जो सूची आई उसमें कुछ लोग एक ही परिवार के हैं। जिनमें उनके बच्चे भी शामिल है। इसके साथ ही आयुर्वेदिक कॉलेज में एक ही दिन में 6 संक्रमित मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। इधर, त्रिवेणी डेंटल कॉलेज में भी दो स्टूडेंट कोरोना संक्रमित मिले हैं। ऐसे में अब उनके संपर्क में आने वालों की तलाश कर जांच की जाएगी।
इस तरह बढ़ रहे मामले
तारीख | मरीजों की संख्या |
5 जनवरी | 250 |
4 जनवरी | 152 |
3 जनवरी | 111 |
2 जनवरी | 52 |
1 जनवरी | 58 |
31 दिसंबर | 43 |
30 दिसंबर | 31 |
29 दिसंबर | 17 |
हेमूनगर, मोपका व सरकंडा, मस्तूरी व तखतपुर में मिले ज्यादा मरीज
कोरोना का संक्रमण अब शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी फैल गया है। बुधवार को हेमूनगर में एक ही परिवार के 10 लोग संक्रमित मिले हैं। जिनमें चार बच्चे-बच्चियां शामिल हैं। अब संक्रमण फैलने के बाद 17 से 4 साल तक के बच्चों में कोरोना का संक्रमण मिल रहा है। यह हालत शहर के लिए चिंताजनक है।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी, ऑक्सीजन लेवल का रखे ध्यान
बुधवार को मिले संक्रमितों की संख्या देखकर स्वास्थ्य महकमा भी सकते में आ गया है। हालांकि, ज्यादातर कोरोना मरीज होम आइसोलेशन पर है। लेकिन, विभाग के अफसर स्थिति बिगड़ने से पहले ही होम आइसोलेशन में चल रहे है मरीजों को ऑक्सीजन लेवल पर विशेष ध्यान रखने की चेतावनी दी है।
CMHO डॉ. प्रमेाद महाजन का कहना है कि आक्सीजन लेबल गिरना चालू हो तो मरीज जोखिम न लेते हुए तत्काल अस्पताल में भर्ती जाएं। क्योंकि अभी जितने भी मरीज संक्रमित हो रहे है वे दूसरी लहर में कहर बरपाने वाले डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में आक्सीजन लेवल कम होने से स्थिति गंभीर हो सकती है। उन्होंने मरीजों को भी सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।
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