बिलासपुर में हथियारों का जखीरा रखने वाले बदमाशों के बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बनाने की बात सामने आई है। हालांकि, पुलिस ने समय से पहले हथियार बरामद कर बदमाशों को पकड़ लिया है। लेकिन, इस कार्रवाई के बाद अब स्थानीय लोगों ने वारदात की योजना बनाने वालों को भी बेनकाब करने की मांग की है। उनका कहना है कि हथियार रखने वाले बदमाशों के साथ साजिश रचने वाले लोगों की भी जांच की जाए। मामला तोरवा थाना क्षेत्र के लालखदान का है, जहां से पुलिस ने चार बदमाशों से पिस्टल, कट्टा, एयरगन और कारतूस बरामद किया था।
शहर से लगी ग्राम पंचायत महमंद ग्राम पंचायत के उपसरपंच नागेंद्र राय ने कहा कि लालखदान को कुछ लोग बदनाम करना चाहते है। वो ऐसा क्यों कर रहे है ये तो नहीं पता। उन्होंने कहा कि पुलिस को समय से पहले इसकी सूचना मिल गई और हथियार रखने वाले नशेड़ी बदमाश पकड़े गए। उनके पास से देशी पिस्टल, कट्टा और जिंदा कारतूस भी जब्त किया गया है। इस कार्रवाई के लिए पुलिस की कार्रवाई काबिले तारीफ है। लेकिन, पुलिस को यह भी जांच करनी चाहिए कि षडयंत्र करने वाले कौन है और बदमाशों को किसने हथियार उपलब्ध कराया था।
राजनीतिक साजिश की आशंका
उपसरपंच नागेंद्र राय ने कहा कि इस घटना के पीछे राजनीतिक साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि, त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में हारने वाले लोग इस तरह से साजिश रच सकते हैं। पुलिस को बदमाशों से सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए। ताकि, परदे के पीछे राजनीतिक साजिश रचने वाले अपराधी भी सामने आएं।
हिंदूवादी संगठनों ने सौहार्द बिगाड़ने की थी कोशिश
उन्होंने बताया कि पहले यहां जो कुछ होता था अब वैसा नहीं है। सभी लोग आपस में सामाजिक सौहार्द्र बनाकर रह रहे हैं। पिछले साल कुछ हिन्दूवादी संगठन से जुड़े लोग बाहर से आकर माहौल खराब कर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश में लगे थे, जिसे स्थानीय लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए नाकाम कर दिया था।
चौकी खोलने पुलिस अफसरों से करेंगे मांग
नागेंद्र राय और बिल्हा जनपद पंचायत के सदस्य नारद रजक ने बताया कि पिछले काफी समय से लालखदान में पुलिस चौकी खोलने की मांग उठ रही है। दीपावली पर्व के बाद इस संबंध में पुलिस अफसरों से मिल कर चौकी खोलने की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया की पुलिस चौकी के लिए जगह और भवन देने के लिए पंचायत तैयार है।
SSP बोलीं- दो गुटों की वर्चस्व की लड़ाई में मंगाए जा रहे थे हथियार
SSP पारुल माथुर ने बताया था कि लालखदान में पिछले लंबे समय से दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। एक-दूसरे गुट के लोग अपने गुर्गे तैयार करते रहे हैं और उन्हें अवैध हथियार तक उपलब्ध कराते हैं। पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से बाहर से हथियार मंगवाकर अपने पास रख रहे थे। अभी इस केस की जांच जारी है और आगे भी अवैध हथियार मिलने की उम्मीद है।
इन बदमाशों से मिले थे हथियार
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