छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नगर निगम ने आडिटोरियम के बाद अब मैदान को मार्केट बनाने के लिए किराए पर दे दिया है। निगम के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। सोमवार को भाजपाइयों के साथ वार्डवासियों ने धरना-प्रदर्शन कर मैदान के व्यावसायिक उपयोग का विरोध जताया। लोगों का कहना है कि वार्ड के लोगों के घूमने के लिए मैदान ही एकमात्र जगह है, जिसे किराए पर दे दिया गया है।
नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए सार्वजनिक भवन और मैदान का व्यावसायिक उपयोग कर रहा है। नगर निगम ने मुंगेली नाका स्थित ग्रीन गार्डन मैदान को भी किराए पर दे दिया है। यहां कपड़ा मार्केट और एक्सपो की प्रदर्शनी लगाई गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संजय तरण पुष्कर से लगे मैदान का लगातार व्यवसायीकरण किया जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है।
वार्ड के लोग बोले- बच्चों के लिए खेलने की नहीं है जगह
वार्ड के लोगों ने कहा कि ग्रीन गार्डन मैदान वार्ड के बच्चों के लिए खेलने और घूमने की एकमात्र जगह है। सुबह यहां महिलाएं और बुजुर्ग मार्निंग वॉक पर आते हैं। वहीं, बच्चे दोपहर में क्रिकेट खेलते हैं। वार्ड में विभिन्न गतिविधियों के लिए एकमात्र मैदान है, जिसे भी नगर निगम ने किराए पर दे दिया है।
ठेकेदार को उपकृत करने आडिटोरियम को बनाया कपड़ा मार्केट
नगर निगम के ऑडिटोरियम परिसर को कपड़ा मार्केट और चौपाटी का रूप दे दिया गया है। दरअसल, नगर निगम ने ऑडिटोरियम को किराए पर दे दिया है और ठेकेदार यहां अपनी मर्जी से किराया वसूल कर रहा है। यही वजह है कि ऑडिटोरियम में कोई सांस्कृतिक या कोई भी जैसे छोटा-मोटा आयोजन भी नहीं हो पा रहा है, जिससे शहर की कला प्रतिभाओं को मंच भी नहीं मिल रहा है। हैरानी की बात ये है कि किराए पर लेने के बाद भी ठेकेदार निगम को किराया नहीं दे रहा है।
भाजपाइयों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी
भाजपा के पश्चिम मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह भोगल ने कहा कि मैदान का व्यावसायीकरण करने के खिलाफ स्थानीय लोगों के साथ एक दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान उन्होंने निगम के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो भाजपा पश्चिम मंडल की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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