कोल इंडिया के निजीकरण सहित अपनी 38 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त कोयला मजदूर संघ एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है। संघ के पदाधिकारी व कामगारों ने सोमवार को SECL मुख्यालय के बाहर प्रबंधन के खिलाफ़ मोर्चा खोलते हुए हल्ला बोला और धरना-प्रदर्शन कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने SECL में कामकाज ठप करने की चेतावनी दी है।
संयुक्त कोयला मजदूर संघ के पदाधिकारी और कामगार सोमवार दोपहर से SECL मुख्यालय के सामने पहुंचे। इसमें कोरबा, रायगढ़ सहित SECL के अलग-अलग क्षेत्रों के सैकड़ों कर्मचारी शामिल थे। संघ के पदाधिकारियों ने कोल इंडिया के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की और धरना-प्रदर्शन कर सभा का आयोजन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग जॉइंट बायपार्टिट कॉमेडी फॉर द कॉल इंडस्ट्री (JBCCI) की बैठक शीघ्र बुलाने, कोल इंडिया में कार्यरत दो लाख से अधिक कामगारों के 11वें कोयला वेतन समझौता ( NCWA XI ) लागू करने के साथ ही कोल इंडिया का निजीकरण बंद करने सहित अन्य मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की।
20 खदानों को निजी मालिकों को बेच रही कोल इंडिया
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि कोल इंडिया के 20 खदानों को निजी मालिकों को बेचने की योजना बनाई गई है। इस तरह से धीरे-धीरे कर कोल इंडिया का निजीकरण किया जा रहा है। कोल इंडिया को बेचने के केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघ की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा।
नई खदानों को शुरू करने ध्यान दे कोल इंडिया
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि SECL में नए खदानों को शीघ्र खोला जाए और जो प्रोजेक्ट किसी तकनीकी कारणों से नहीं खुल पा रहा है। उन प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए और तेजी से इस दिशा में काम किया जाए। इसी तरह किसी भी खदान को बंद करने के पूर्व खदान को चालू रखने के सभी उपायों पर विस्तृत चर्चा कर निर्णय लिया जाए।
केंद्रीय महामंत्री बोले- CSR मद का ग्रामीणों के विकास में खर्च किया जाए
संयुक्त कोयला मजदूर संघ के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह ने कहा कि मैन पावर बजट में 20% से अधिक कर्मचारियों की पदोन्नति, जब तक मैन पावर बजट नहीं आ जाता तब तक पुराने बजट के आधार पर मजदूरों का पदोन्नति, समय पर कर्मचारियों की मृत्यु के उपरांत ग्रुप ग्रेच्युटी के भुगतान, पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम, माइनिंग सरदार, इलेक्ट्रिशियन, प्रैक्टिकल फॉर मैकेनिकल फोरमैन की पदोन्नति। ठेका श्रमिकों को हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित मजदूरी का भुगतान, MPF में कटौती, जहां खदान के लिए भूमि का अधिग्रहण हुआ है वहां के युवाओं के रोजगार के लिए ट्रेनिंग, साथ ही CSR मद का उपयोग ग्रामीणों के विकास में खर्च करने जैसी 38 सूत्रीय मांगे प्रमुख रूप से शामिल है।
कोयला मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि, SECL अपनी मनमानी कर रहा है। कोयला मजदूरों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। पदाधिकारियों ने SECL प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि, विषम परिस्थिति में भी कोयला मजदूर लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया जाता है, तो वे आगे पूरे SECL में काम ठप कर देंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।
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