रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय स्टूडेंट्स की हालात ठीक नहीं है। भले ही केंद्र सरकार और दूतावास उन्हें पोलैंड, रोमेनिया और हंगरी बार्डर तक पहुंचने की सलाह दी हो, लेकिन वहां पहुंचने के बाद भी स्टूडेंट्स 12 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। यूक्रेन के कीव, खारकीव के बाद अब बार्डर में फंसे स्टूडेंट्स वीडियो भेजकर अपनी परेशानी बता रहे हैं।
रूस-यूक्रेन वॉर ने भारतीय स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें पैदा कर दिया है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन में 20 हजार भारतीय स्टूडेंट्स हैं। जो अलग-अलग शहरों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेनियन को शहर छोड़ते देखकर स्टूडेंट्स भी घबरा गए हैं। इन हालात में केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से स्टूडेंट्स को पोलैंड, हंगरी और रोमेनिया बार्डर पहुंचने की सलाह दी। तब स्टूडेंट्स किसी तरह बस और टैक्सी के साथ ही पैदल बार्डर में पहुंच गए।
अब बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स बार्डर में फंस गए हैं। एक स्टूडेंट्स पुलकित श्रीवास्तव ने वीडियो जारी किया है, जिसमें उसने बताया कि बार्डर पहुंचने में उन्हें बहुत परेशानी हुई। अब बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स बार्डर पहुंच गए हैं। उन्हें बाहर निकालने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। हालात यह है कि स्टूडेंट्स पिछले 12 घंटे से वहां बार्डर से निकलने के लिए अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
दूतावास की सलाह पर काम करें
दरअसल, स्टूडेंटस को जैसे ही खबर मिली कि केंद्र सरकार ने पोलैंड, हंगरी और रोमेनिया बार्डर से बच्चों को बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच बच्चों को यह भी खबर मिली कि वहां बार्डर में पहुंचने के बाद उन्हें निकाल लिया जाएगा। तब यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स स्थानीय एजेंट की मदद से दूतावास को सूचना दिए बिना ही बार्डर पर पहुंचना शुरू कर दिया। दूतावास ने स्टूडेंट्स को यूक्रेन के पश्चिमी शहरों की ओर जाने की सलाह दी थी।
अचानक से बार्डर में स्टूडेंट्स की भीड़ बढ़ने की वजह से यह हालात बने हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है कि पड़ोसी देश पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के भारतीय दूतावास उन्हें बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति में बिना पूर्व सूचना के कोई भी भारतीय नागरिक बार्डर पर न जाए। इससे उन्हें निकालने में समस्या हो रही है।
25-30 किलोमीटर पैदल चल पहुंचे पोलैंड बार्डर
पोलैंड बार्डर पहुंचे छात्रों ने भी एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि पोलैंड के भारतीय दूतावास की सूचना पर वे अपने निजी साधन से बार्डर से दूर पहुंचे। लंबी लाइन लगे होने के कारण उन्हें 25 से 30 किलोमीटर पैदल चलने के बाद बार्डर पहुंचना पड़ा। अब उन्हें बार्डर में भटकना पड़ रहा है। वहां वैन से 8-10 की संख्या में निकालने की व्यवस्था की गई है।
जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने बच्चों को सलाह दी है कि बिना सूचना के किसी के कहने पर बार्डर पर न जाएं। इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। बेहतर यह है कि भारतीय नागरिक जहां हैं वहीं सुरक्षित रहें और गाइडलाइन का पालन कर अपडेट लेते रहें।
इन निर्देशों का पालन करें और दूसरों को भी सूचित करें
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.