नगरीय निकायों को टैंकर मुक्त सप्लाई करने के लिए साल 2019 से शुरू की गई योजना फाइलों में सिमट कर रह गई है। शासन की समीक्षा बैठकों के लिए भेजे जाने वाले प्रतिवेदन में गोलमोल जानकारी भेज कर अफसर चुप बैठ गए हैं। हकीकत यह है कि नगर निगम के छह ऐसे स्थान हैं, जहां जल स्त्रोत की व्यवस्था नहीं है।
जाहिर है कि इन स्थानों में टैंकर के बिना पानी सप्लाई संभव नहीं है। अफसर इन स्थानों के लिए योजना बनाने की बात करते हैं, लेकिन यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है कि इस पर काम कब तक हो पाएगा। नगर निगम का दावा है कि 50 में से 44 जगहों को टैंकर सप्लाई से मुक्त कर लिया गया है। 6 स्थानों को टैंकर मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
चिल्हाटी, देवरीखुर्द, बहतराई, खमतराई में टैंकर से पानी सप्लाइ करना पड़ रहा, यहां पर पानी का सोर्स नहीं
चिल्हाटी: अरपा के किनारे बसी इस बस्ती में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। घर की रसोई टैंकर आने के बाद ही बनती है। लोगों को सुबह-शाम टैंकर के लिए इंतजार करना पड़ता है। पंचायत से निगम में शामिल होने के ढाई साल बाद भी इस क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।
देवरीखुर्द: वार्ड क्रमांक 42 शहीद चंद्रशेखर आजाद नगर के पार्षद लक्ष्मी यादव ने बताया कि देवरीखुर्द में पंचू सिंह नेताम गली, पंचायत भवन और बरखदान एरिया में वर्षों से टैंकर सप्लाई हो रही है। पानी का सोर्स नहीं होने के कारण दूसरे क्षेत्र से पानी लाने के लिए योजना पर काम चल रहा है।
बहतराई: वार्ड क्रमांक 49 बीआर यादव नगर के पार्षद अहिल्या राकेश वर्मा ने बताया कि बहतराई के दैहानपारा में टैंकर सप्लाई की जाती है। विधायक मद से बोरिंग कराई जा चुकी है पर मोटर लगाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
खमतराई: यह खदान एरिया है। खदान बंद करने के बाद बस्ती बस गई है। एकमात्र हैंडपंप है, जिससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता, इसलिए टैंकर सप्लाई की जाती है।
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