कैमरे से ट्रैफिक कंट्रोल की 147 करोड़ की योजना की टेस्टिंग में लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। ऐसा ट्रैफिक सिग्नल का वक्त बढ़ाने के कारण हो रहा है। सबसे ज्यादा समस्या नेहरू चौक पर आ रही है, जहां समय 75 सेकेंड कर दिया गया है। अधिक समय तक ट्रैफिक रोकने के कारण वाहनों की भीड़ बढ़ जाती है और लोगों को ज्यादा देर तक रुकना पड़ रहा है। महिमा चौक व्यापार विहार एवं महाराणा प्रताप चौक पर रात 11-12 बजे तक भी सिग्नल जलते पाए जाने की भी शिकायत मिली है, जिसका निराकरण हाल में किया गया।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कैमरे से ट्रैफिक कंट्रोल प्रोजेक्ट का ठेका टाटा एडवांस्ड कंपनी लिमिटेड को दिया है। कंपनी को 20 मार्च तक सारे कैमरे, सिग्नल लाइट इंस्टाल करने कहा गया है, ताकि 31 मार्च तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों इसका लोकार्पण कराया जा सके, लेकिन लगता नहीं है कि समय पर काम हो पाएगा।
22 में से 10 चौराहों के सिग्नल चालू
प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर के संवेदनशील 22 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाने हैं पर 10 में ही सिग्नल चालू हो पाए हैं। इनमें महिला चौक व्यापार विहार, महामाया चौक, नेहरू चौक, सीएमडी कालेज चौराहा, मंदिर चौक, भारतीय नगर, सत्यम चौक, मंगला नाका मुंगेली नाका, महाराणा प्रताप चौक शामिल है। शेष 12 स्थानों पर सिग्नल लगाए जा चुके हैं, लेकिन नगर निगम द्वारा इलेक्ट्रिक मीटर नहीं लगाने के कारण सिग्नल की टेस्टिंग नहीं हो पा रही है।
पुराने बस स्टैंड पर प्रयोग जारी
पांच सड़कों वाले पुराने बस स्टैंड चौक की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लगातार प्रयोग किए जा रहे हैं। अभी इनके ट्रैफिक सिग्नल चालू नहीं हो पाए हैं। स्टॉपर लगा कर ट्रैफिक को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है पर उसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। पूर्व में ट्रैफिक पुलिस द्वारा करबला रोड से आने वाले ट्रैफिक को नियंत्रित करने स्टापर लगाए गए थे, लेकिन यह कामयाब नहीं हुआ।
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