नगर निगम के आयुक्त ने 9 महीने पहले नियमितीकरण को लेकर सभी जोन कमिश्नरों को टारगेट दिया था। इसके अनुसार प्रत्येक जोन कमिश्नर को अपने इलाके में हर महीने 500-500 नियमितीकरण कराने के लिए निर्देश दिए गए थे, लेकिन एक भी जोन कमिश्नर इस टारगेट के आसपास भी नहीं पहुंच पाए। लिहाजा अब निगम आयुक्त को अपना आदेश वापस लेते हुए जोन कमिश्नरों को राहत देते हुए नियमितीकरण का टारगेट घटा दिया है। अब उन्हें 100-100 प्रकरण पूरे करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी भी दी है कि इस बार टारगेट पूरा नहीं करने वाले जोन कमिश्नर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसकी हर सप्ताह समीक्षा भी जाएगी।
बता दें कि राज्य सरकार ने नगर निगम सीमा में रहने वालों को नक्शा के विपरीत मकान, दुकान बनाने वालों को नियमितीकरण कराने का मौका दिया है। नगर निगम आयुक्त ने सभी आठ जोन कमिश्नरों को हर महीने 500–500 नियमितीकरण के टारगेट दिए थे, लेकिन 9 महीने बाद भी एक भी जोन कमिश्नर 500 तक नहीं पहुंच पाए हैं। जिससे नाराज आयुक्त ने सभी जोन कमिश्नरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयुक्त सभी को हर हाल में 100 प्रकरण करने का आदेश जारी किए हैं। इस बार टारगेट पूरा नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
नोटिस का नहीं मिला जवाब
आयुक्त के निर्देश पर 8 जोन कमिश्नरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सभी से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन सिर्फ दो जाेन कमिश्नर ने जवाब दिया है। 6 का जवाब नहीं मिला है।
अफसरों की बड़ी परेशानी
नियमितीकरण के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं। एआरआई और जोन कमिश्नरों ने कई बार व्यापारियों के साथ बैठक भी की, लेकिन लोग आवेदन नहीं कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार शहर में 80 से 90 फीसदी मकान 1000 स्क्वेयर फीट पर बने हैं, जिसे सरकार ने नियमितीकरण के दायरे से बाहर रखा है।
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