छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी फिर खतरे में पड़ सकती है। हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के स्थगन आदेश को निरस्त करते हुए कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए नई तारीख तय करने के निर्देश दिए हैं। यहां के BJP पार्षदों ने कलेक्टर के आदेश को वैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी, जिस पर अब फैसला आया है।
लोरमी नगर पंचायत में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(JCCJ) की टिकट से अंकिता रवि शुक्ला चुनाव जीती थीं। इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से नगर पंचायत अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से यहां राजनीतिक उठापटक चल रही है। कांग्रेस के पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष बनीं अंकिता की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। क्योंकि उनकी पार्टी के चार पार्षद ही हैं। जबकि कांग्रेस के 6 और भाजपा के 5 पार्षद हैं। उनकी कार्यप्रणाली से नाराज पार्षदों ने उन्हें हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर राहुल देव से शिकायत करके विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है, और अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने की मांग की थी। वहीं कुछ दिन पहले अंकिता रवि शुक्ला को जेसीसीजी ने भी पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
कलेक्टर के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
कलेक्टर राहुल देव ने पार्षदों की शिकायतों पर बिना जांच और नगर पंचायत अध्यक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बगैर ही बीते 24 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने का आदेश जारी कर दिया था। कलेक्टर के इस आदेश को चुनौती देते हुए अंकिता रवि शुक्ला ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया कि अगर याचिकाकर्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है, तो उसकी जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन, सिर्फ राजनीतिक षडयंत्र के तहत आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव बुलाने के लिए बिना तथ्यों के आरोप लगाने पर कलेक्टर को तथ्यों की जांच करना चाहिए। मगर कलेक्टर ने पार्षदों की शिकायतों पर सीधे अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाना गलत है। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने अंतरिम राहत देते हुए कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी थी।
अब सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच ने किया निरस्त
भाजपा के पांच पार्षदों ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के स्थगन आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है। उनके एडवोकेट अनुपम दुबे ने तर्क देते हुए कहा कि कलेक्टर ने नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 (क) में दी गई शक्तियों के तहत 24 अगस्त को लोरमी नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने के निर्देश देते हुए पीठासीन अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया था। अपील में सिंगल बेंच के स्थगन आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाने के लिए आदेशित करने का आग्रह किया है। अपील को स्वीकार करते हुए डिवीजन बेंच ने कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए नई तिथि तय करने का आदेश दिया है।
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