छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 17 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। हमलावर युवक पुरानी रंजिश के चलते बेटे के साथ ही पिता को भी मौत के घाट उतारने के प्लानिंग से पहुंचे थे। डबल मर्डर की वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने पिस्टल से दो बार फायरिंग भी किया। लेकिन, ऐन वक्त पर पिस्टल ने धोखा दे दिया और दूसरा राउंड पिस्टल में फंस गया, जिसके कारण मिस फायर हो गया और मृतक लड़के के पिता की जान बच गई। अब पुलिस ने हत्या की वारदात में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पचपेड़ी क्षेत्र के मानिकचौरी निवासी मंगतूराम अजय (43) किराना दुकान चलाते हैं। घर में उसकी पत्नी सरोजनी (39) अनीश अजय (17) और नेहा अजय (12) रहते हैं। रविवार की रात करीब करीब 9 बजे गांव के ही दो बदमाश युवक भूपेंद्र पोर्ते और नंदू उर्फ नंदकिशोर साहू गुटखा लेने दुकान पहुंचे थे। मंगतूराम का बेटा अनीश उन्हें गुटखा देने के लिए निकला। इस दौरान पैसे देने से मना करने पर उनका झगड़ा शुरू हो गया।
योजना बनाकर गुटखा लेने गए थे हत्यारे
SSP पारुल माथुर ने बताया कि आरोपियों से मंगतूराम का पुराना विवाद था। होली पर्व के दौरान उनके बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद दो माह पहले भी विवाद हुआ था। इसी रंजिश के चलते नंदू साहू और भूपेंद्र पोर्ते ने हत्या करने की योजना बनाकर गुटखा खरीदने पहुंचे थे। गुटखा लेने के बाद पैसे न देने के बहाने उन्होंने जानबुझकर विवाद शुरू किया। ईंट से हमला करने के साथ ही अनीश को गोली मारने के बाद हमलावरों ने मंगतूराम को भी निशाना बनाया और फायरिंग की। लेकिन, सही समय पर पिस्टल में राउंड फंस गया और मिस फायर हो गया। इसके बाद दोनों आरोपी बाइक से भाग निकले।
SSP ने टीम को किया पुरस्कृत
गोलीकांड की वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपियों को पकड़ने के लिए SSP माथुर ने 17 सदस्यीय टीम गठित की थी, जिसमें ACCU प्रभारी हरविंदर सिंह के नेतृत्व में टीम आरोपियों के रिश्तेदार और परिचितों के ठिकानों में लगातार दबिश दे रही थी। आरोपियों को पकड़ने में सक्रियता दिखाने वाले सभी सदस्यों को SSP ने शाबाशी दी। इसके साथ ही उन्हें प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया है। उन्होंने पांच हजार रुपए इनाम की घोषणा भी की थी, जिसे टीम के सभी सदस्यों में बांट दिया है।
दोस्ती निभाने बन गया आरोपी
पुलिस ने सबसे पहले नंदू साहू और भूपेंद्र पोर्ते के बलौदाबाजार के रसेड़ा निवासी दोस्त वीर सिंह को देर शाम पकड़ा। तब तक वह आरोपी दोस्तों की मदद कर चुका था। उसने बताया कि नंदू और भूपेंद्र उसके घर आए थे। उन्होंने पिस्टल और बाइक को उसके पास रखवाया है। वह उन्हें छोड़ने के लिए भाटापारा स्टेशन गया था और दोनों को सारनाथ एक्सप्रेस में बैठाकर आ गया है। इतना सुनते ही पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए और सारनाथ एक्सप्रेस का पीछा करना शुरू कर दिया। इस पूरे हत्याकांड में वीर सिंह वह शख्स है, जो दोस्ती की खातिर अपराधी बन गया। जबकि, इस वारदात से उसे प्रत्यक्ष रूप से कोई लेना देना ही नहीं था। उधर, आरोपी नंदू साहू की उसके ससुराल वालों ने भी मदद नहीं की और उन्हें भगा दिया था
गांजा तस्करी कर खरीदा था पिस्टल
ACCU प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि आरोपी भूपेंद्र सिंह पहले गांजा तस्करी करता था। गांजा लेने वह ओडिशा जाता था। इस दौरान उसने गांजा तस्करी कर बेचने के लिए उत्तरप्रदेश के लखनऊ गया था। वहीं से करीब 15 दिन पहले उसने 35 हजार रुपए में पिस्टल खरीदकर लिया था।
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