बिलासपुर के छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (CIMS) के डॉक्टरों ने ट्रक के पहिए के नीचे दबने से घायल मरीज के पैर को कटने से बचा लिया। दरअसल, युवक का पैर बुरी तरह से डैमेज हो गया था। उसकी हडि्डयां टूट गई थी और मांसपेशियां भी फट गई थी, जिसमें रॉड लगाकर डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन किया।
जानकारी के अनुसार रतनपुर के खूटाघाट में रहने वाले शारदा यादव (42) पिता स्व बलदेव यादव बीते 15 जनवरी को हादसे का शिकार हो गए, जिससे उनका दायां पैर ट्रक के पहिए में दब गया था। इस घटना के बाद उसके पैर की हड्डी टूटकर बाहर निकल गई। उसे गंभीर हालत में रतनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखकर सिम्स रेफर कर दिया गया।
सिम्स के हड्डी रोग स्पेशलिस्ट ने किया सफल ऑपरेशन
सिम्स में मरीज़ को हड्डी रोग विशेरषज्ञ डॉ. दीपक जांगड़े ने जांच किया तो पता चला कि मरीज़ की हालत गंभीर थी। उसके शरीर से काफी खून बह गया था। साथ ही हड्डी भी टूटकर रक्तवाहनियों को दबा दिया था, जिससे पैर के नीचे खून का बहाव रूक गया था। डॉक्टर ने तत्काल मरीज़ और परिजन को ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया। फिर परिजनों की सहमति के बाद डॉ दीपक जांगड़े ने सीनियर डॉक्टर डॉ एआर बेन के मार्गदर्शन में सीनियर डॉ. आर के दास, राजीव के साथ मिलकर इमरजेंसी में ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में रक्तवाहनियों के दबाव को हटा कर हड्डी को रॉड से जोड़ा गया। साथ ही मांसपेशियों को रिपेयर किया गया।
चार घंटे तक चला जटिल ऑपरेशन
डॉ. जांगड़े बताया कि सबसे पहले मरीज के पैर में खून के बहाव को ठीक करने के लिए मांसपेशियों के दबाव को हटाया गया। खून का बहाव पैरों में सामान्य रूप से शुरू होने के बाद हड्डी को रॉड से जोड़ा गया। यह जटिल ऑपरेशन करीब चार घंटे चला, जिसके बाद खून का बहाव पैरो में सामान्य हो गया। इस तरह से मरीज का पैर कटने से बचा लिया गया।
मरीज का हुआ नि:शुल्क इलाज
ऑपरेशन की टीम में डॉ दीपक जांगड़े के साथ एनेस्थिसिया विभाग से डॉ प्रशांत पैकरा, जूनियर डॉक्टर और नर्स ने सहयोग किया। उनके इस सफल सर्जरी के लिए सीनियर डॉक्टर और मेडिकल सुप्रींटेडेंट डॉ नीरज सेंडे और सिम्स प्रशासन ने बधाई दी। मरीज का पूरा इलाज सिम्स में नि:शुल्क हुआ।
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