बिलासपुर में NTPC पावर प्लांट का राखड़, राखड़ डैम में ओवर फ्लो हो रहा है। इससे हल्की, हवा चलने पर राख का डस्ट गांव की ओर उड़ता है। वहीं, डेम में ओवर फ्लो होने के कारण डस्ट खेतों तक पहुंच रहा है, जिससे उपजाऊ जमीन की फसलें चौपट हो रही हैं। राख के डस्ट से लोगों को अस्थमा जैसी बीमारियां हो रही हैं। कुछ इस तरह की शिकायतें ग्रामीणों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की टीम से की।
सुप्रीम कोर्ट ने NGT को प्रदूषण फैलाने वाले पावर प्लांट्स पर राखड़ के रख रखाव और उसकी उपयोगिता को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यही वजह है कि बीते सोमवार से NGT की टीम सीपत स्थित NTPC के राखड़ बांध का जायजा लेने पहुंची है। सोमवार को टीम ने राखड़ बांध सहित आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया। वहीं, बुधवार को टीम ने प्रभावित ग्रामीणों से चर्चा की और उनकी समस्याएं भी सुनी है।
निरीक्षण के बाद तैयार करेगी रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि NTPC में उत्पादन और कोयले की खपत के साथ ही राखड़ बांध के रखाव और वेस्ट मटेरियल की उपयोगिता को लेकर NGT की टीम ने निरीक्षण किया है। इस दौरान ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों की भी जानकारी ली। अब टीम निरीक्षण के आधार पर अपना रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उद्यमियों ने भी बताई समस्या- बोले राख नहीं दे रहा NTPC
NTPC प्रबंधन और उद्यमियों के बीच राख उपलब्ध कराने को लेकर विवाद भी चल रहा है। NTPC प्रबंधन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 31 दिसंबर 2021 को जारी नोटिफिकेशन के चलते फ्लाई ऐश उद्योगों को राख देने से इंकार कर दिया है। दरअसल, संशोधित नोटिफिकेशन में NTPC और दूसरे पावर प्लांट को निर्देशित किया गया कि वे खदानों और सड़क में भरने के लिए 300 किमी तक राख पहुंचाकर देंगे। लेकिन, इसमें फ्लाई ऐश उद्योगों का जिक्र नहीं है। उद्यमियों की ओर से बुधवार को NGT की टीम को इसकी जानकारी दी गई। हालांकि, अभी उनकी समस्याओं का समाधन नहीं हो सका है।
PRO बोली- रिपोर्ट तैयार कर रही टीम
NTPC की PRO नेहा खत्री ने बताया कि NGT की टीम का निरीक्षण पूरा हो गया है। बुधवार को टीम में शामिल सदस्य रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। प्रतिवेदन बनाकर उनकी तरफ से रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा।
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