छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में सात माह पहले जन्में बाघ के चार नए शावकों का पहला VIDEO सामने आया है। जू प्रबंधन ने अब इन शावकों को पर्यटकों को दिखाने के लिए सप्ताह में एक दिन केज में छोड़ने का फैसला लिया है। केज से जारी इस वीडियों में शावक मस्ती करते नजर आ रहे हैं।
कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के बाघ शिवाजी और बाघिन रंभा के चारों शावकों को सात माह बाद सोमवार को ओपन केज में छोड़ा गया। पूरे दिन शावक खुले केज में दिनभर मस्ती करते रहे। कानन पेंडारी जू में शावकों को देखने बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ भी देखी गई। शाम को उन्हें वापस केज में डाला गया अब ये सभी शावक अपनी मां के साथ सप्ताह में 1 दिन गुरुवार को पर्यटकों के सामने आएंगे। फिलहाल उन्हें एक ही दिन ओपन केज में रखने का निर्णय लिया गया है।
5 साल बाद कानन जू में लौटी थी खुशियां
कानन जू में 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया था। जू प्रबंधन ने बाघिन के साथ नन्हें शावकों की काफी देखभाल की। जू में शावकों का जन्म लेना बड़ी उपलब्धि रही। क्योंकि पांच साल तक यहां ब्रीडिंग बंद थी। जिसके बाद प्रबंधन ने फिर से ब्रीडिंग कराने का फैसला लिया और इसमें सफलता भी मिली।
विजय और चैरी ने बढ़ाया कुनबा
अफसरों ने बताया कि मादा बाघिन रंभा का भी जन्म 25 अप्रैल 2015 में कानन पेंडारी में ही हुआ था। उसे चैरी और विजय ने जन्म दिया था। रंभा के युवा होने पर 11 नवंबर 2018 को पहली बार उसकी ब्रीडिंग कराई गई थी, जिसमें बाधिन रंभा ने दो शावक भैरव व दुर्गा को जन्म दिया था। कानन में बाघ का कुनबा बढ़ाने में विजय और चैरी की मदद मिली और अब उनकी संख्या लगातार बढ़ने लगी है।
कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में बाघ का कुनबा बढ़ाने के लगातार कोशिश चल रही है। इस कोशिश में कानन पेंडारी प्रबंधक को सफलता भी मिली है। 7 महीने पहले 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया। इन शावकों की एहतियात के साथ देखभाल की गई। हर पल उन पर नजर रखी गई क्योंकि जिस समय इन शावकों का जन्म हुआ वो समय कानन पेंडारी प्रबंधन के लिए सही नहीं था और लगातार वन्य प्राणियों की मौत हो रही थी।
क्षेत्रीय विधायक 'रश्मि' का दिया नाम
कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के चारों शावकों में एक नर और तीन मादा शावक हैं। तीन माह पहले जुलाई में इन शावकों का नामकरण किया गया था। इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे गए थे। वन मंत्री मोहम्म्द अकबर ने नामकरण किया, जिसमें नर शावक को मितान और तीन मादा शावकों को रश्मि, आनंदी और दिशा नाम दिया गया है। कानन जू तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां की विधायक का नाम भी रश्मि सिंह है। रश्मि सिंह के नाम की वजह से ही एक मादा शावक का नाम रश्मि है।
कानन जू में दूसरी बार एक साथ चार शावक का जन्म
कानन पेड़ारी में 2018 से ब्रीडिंग बंद थी। आखरी बार भी बाघिन रंभा ने दो शावकों को जन्म दिया था। अब नन्हें शावकों आने से कानन प्रबंधन भी खुश है। ऐसा नहीं है कि कानन पेंडारी में पहली बार एक साथ किसी बाघिन ने चार बच्चों को जन्म दिया है। बल्कि इससे पहले बाघिन चैरी ने भी 2015 में एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था। रंभा को उसने ही जन्म दिया था।
शेरनी मौसमी ने गर्भ में दो बच्चों के साथ तोड़ा दम
7 महीने पहले ही कानन में रंभा के साथ 4 वर्ष की एक शेरनी मौसमी भी गर्भ से थी। प्रबंधन ने एक साथ दोनों बाघिन और शेरनी के प्रसव के बाद शावकों के जन्म कराने की योजना बनाई थी। बाघिन रंभा का सफलतापूर्वक प्रसव हो गया। फिर शेरनी मौसमी को प्रसव पीड़ा हुई। पशु चिकित्सक उसकी डिलीवरी कराने के प्रयास में जुटे हुए थे, पर उसका पहला शावक उल्टा हो गया। इसके चलते शावक पूछ की तरफ से बाहर आने पर उसका गला अटक गया और असहनीय दर्द से मौसमी की मौत हो गई। आनन-फानन में शेरनी का सीजिरियन डिलीवरी कराने का प्रयास किया गया। ऑपरेशन के बाद देखा गया कि उसके दो शावक गर्भ में थे, जिनकी मौत हो चुकी थी।
बढ़ने लगा सफेद शेर का कुनबा
भिलाई के मैत्री बाग जू में दो महीने पहले पैदा हुआ सफेद शेर (सिंघम) अब पर्यटकों के लिए केज के बाहर आ गया है। लोग सिंघम को उसकी मां रोमा के साथ केज के बाहर देख पा रहे हैं। शावक सिंघम को सफदे शेरनी रोमा ने जन्म दिया है। शावक को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए जू प्रबंधन इनका विशेष ध्यान रख रहा है।
मैत्री बाग जू में एक-एक कर सफेद बाघ की मौत के साथ इनकी संख्या घटती जा रही थी। ऐसे में पैदा हुआ नया शावक कई सालों बाद काफी खुशी लेकर आया है। इससे पहले जू प्रबंधन सफेद शेरनी सोनम और सुल्तान की ब्रीडिंग करता था। लेकिन उसके दूसरे जू चले जाने से सुल्तान अकेला पड़ गया था। इस बीच उसकी दोस्ती जू की नई शेरनी रोमा के साथ हुई। इस जोड़े को एक साथ केज में रखा गया। उनकी ब्रीडिंग करवाई गई। यह प्रयोग सफल रहा और जू में फिर से सफेद शेर का कुनबा बढ़ने लगा है।पढ़ें पूरी खबर
शेर, बंगाल टाइगर समेत 678 से ज्यादा जानवर
कानन पेंडारी प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां करीब 6 करोड़ पर्यटक हर साल आते हैं। 114 हेक्टेयर में फैले हुए इस जू में 60 स्पीशीज के करीब 679 से ज्यादा जानवर मौजूद है। वर्तमान में यहां 7 शेर हैं। इनमें 3 नर हैं। शेर के साथ ही 3 सफेद बाघ भी हैं और 4 बंगाल टाइगर हैं। यहां पर एक शुतुरमुर्ग के साथ ही 6 बायसन भी थे। जिनमें दो बायसन की मौत होने के बाद इनकी संख्या अब 4 रह गई है।
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