संचालक पर पीड़ित के साथ गलत काम करने,लड़कियों को कपड़ा उतरवाकर कमरे में बिठाने व रात को बाहर भेजने के लगे गंभीर आरोप के बाद उज्जवला पुनर्वास केंद्र को महिला बाल विकास विभाग ने सील कर दिया। यहां मौजूद पीड़ित महिलाओं में उडीसा की महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे मटर टेरेसा आश्रम भेजा गया है। महिला बाल विकास के जिला अधिकारी सुरेश सिंह के अनुसार उज्जवला पुनर्वास केंद्र में कुल 10 पीड़ित महिलाएं थी। इनमें से आरोप लगाने वाली तीन महिलाओं को पुलिस ने पहले ही उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। बाकी 7 में से उड़ीसा की एक महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी,उसे मदर टेरेसा आश्रम भेजा गया है। बाकी में एक उत्तरप्रदेश की थी। उसके परिजनों से संपर्क कर वहां भेजा गया है। बाकी भी दूसरे प्रदेश की थी जिन्हें वहां के महिला सेंटरों में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने कहा जांच होने तक यह सील रहेगा। विभागीय जांच चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
महिलाओं के बयान के आधार पर होगी कार्रवाई: एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार पीड़ित महिलाएं जिन्होंने पुनर्वास केंद्र पर जो आरोप लगाए हैं वह काफी गंभीर है। इसलिए गुरुवार को तीनों का कोर्ट में 164 के तहत बयान कराया जाएगा। यहां जो बयान देंगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत आईजी से, जांच की मांग
उज्जवला पुनर्वास केंद्र व पुलिस की शिकायत लेकर पीड़िता व अपने परिजनों के साथ आईजी से मिलने पहुंचे। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ज्ञापन में बताया है कि 17 जनवरी को केंद्र से परिवार के लोगों की मदद से जान बचाकर भागकर थाने पहुंचे थे और केंद्र में चल रहे अनैतिक कार्य, शारीरिक, मानसिक शोषण की शिकायत की थी। पुलिस ने कहा कि बयान होने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। वहां मौजूद मैडम ने अपने हिसाब से बयान लिखवाया। तीन की ओर से शिकायत दर्ज करने के बजाए केवल एक के नाम से शिकायत की खानापूर्ति की। एफआईआर देखने से पता पता चला कि उज्जवला होम के संचालक व कर्मचारियों से बचाने वाले कुलदीप व पीड़िता के पिता के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया। उनके साथ मारपीट की गई। कपड़े उतारकर कमरे में बंद किया गया,नशीला पदार्थ पिलाया गया,परिजनों से 15 हजार वसूल की गई।
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