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सामाजिक बैठक में शामिल होने आए अधेड़ की हत्या उसके दो सगे भतीजों ने जमीन विवाद के कारण की थी। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार सुबह चकरभाठा पंप हाउस के पास ग्राम खेक्सही निवासी रामायण यादव पिता गंगाराम 55 वर्ष की लाश मिली थी। उसका सिर कुचल दिया गया था।
पास में ही खराब सीमेंट की बोरी पड़ी थी और इसमें खून लगा था। रामायण सोमवार को सामाजिक बैठक में शामिल होने चकरभाठा आया था। बैठक खत्म होने के बाद वह रात को अपने गांव के साथी जीवराखन के साथ घटनास्थल के करीब भट्ठी में जाकर शराब पी। दूसरे दिन सुबह उसी शराब दुकान के करीब रामायण की लाश मिली थी। उसका अपने भाई-भतीजों के साथ जमीन विवाद चल रहा था। कोर्ट से रामायण केस जीत गया था। सोमवार को जमीन का सीमांकन होना था।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू की गई तो शक की सुई उसके भाई-भतीजों पर गई। उनसे पूछताछ की गई। रामायण का भतीजा तिफरा निवासी सुखनंदन 40 वर्ष को सोमवार की रात को पुलिस उठाकर थाने ले आई। वह काफी नशे में था। बोल नहीं पा रहा था। सुबह नशा उतरने के बाद उससे पूछताछ की गई तो उसने इस हत्या को अपने छोटे भाई रघुनाथ उर्फ गोलू 23 वर्ष के साथ मिलकर अंजाम देना कबूल किया। पुलिस ने रघुनाथ को भी गिरफ्तार कर लिया।
पंप हाउस के पास करते रहे इंतजार, आते ही मारपीट शुरू कर दी, फिर सिर कुचल दिया
समाजिक बैठक में तिफरा से आरोपी सुखनंदन व रघुनाथ भी आए थे। उन्होंने रामायण को देखा तो सबक सिखाने की ठानी। दोनों भाई रात 10-11 बजे के बीच घटनास्थल पर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगे। रामायण जैसे ही पहुंचा उन्होंने गाड़ी रोकी और जमीन विवाद पर रामायण से मारपीट शुरू कर दी। जब वह अधमरा हो गया तो सुखनंदन उसके सिर पर सीमेंट की पुरानी बोरी पटक दिया। इससे उसकी मौत हो गई। दोनों आरोपी वहां से चले गए। सुखनंदन रात को चकरभाठा के एक तालाब के मेढ़ पर ही सो गया रघुनाथ घर चला आया। सुबह सुखनंदन भी घर आ गया। पुलिस जब घटनास्थल पर थी तो सुखनंदन व रघुनाथ पुलिस की गतिविधियां देखने वहां आए थे। शाम को सुखनंदन ने जमकर शराब पी ली। पुलिस उसे पूछताछ करने थाने ले गई पर अधिक नशा होने के कारण पूछताछ नहीं की। सुबह उसने थोड़ा ना नुकुर करने के बाद सब कुछ बता दिया।
बड़े भाई ने नाम लिया पर छोटा कहता रहा वह शामिल नहीं था : सुखनंदन ने अपने छोटे भाई के बारे में भी बताया कि वह घटना में ंउसके साथ शामिल था पर रघुनाथ ने कबूल नहीं किया। वह बड़े भाई पर फंसाने का आरोप लगाने लगा। रघुनाथ पहले भी कई केस में शामिल रहा। कड़ाई बरती गई तो वह टूट गया।
अधेड़ का साथी गाड़ी से उतरा तो बच गया : रामायण के साथ जीवराखन भी घर जाने के लिए निकला था। उसपर अधिक नशा छा गया था। घटनास्थल के ठीक पहले वह गिरने लगा तो उतर गया। रामायण उसे जमीन पर लिटाकर आगे बढ़ गया। इससे जीवराखन बच गया। नहीं तो आरोपी रामायण के साथ उसकी भी हत्या कर देते।
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