बिलासपुर में एम-पासपोर्ट एप से वेरीफिकेशन शुरू हो गया है। सोमवार को एक ही दिन में 5 का सत्यापन किया गया। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 18 में से शहर के तीन थाने सिविल लाइन, सरकंडा व तोरवा को चयन किया गया है। इनके थानेदारों को रायपुर में तीन तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया है। सत्यापन करने सभी को टैब भी बांटा गया है।
पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन में लगने वाले समय और अन्य प्रक्रियाओं से हो रही परेशानियों को देखते हुए प्रदेश में एम पासपोर्ट एप शुरू किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। प्रारंभिक तौर पर सभी जिले के 3-3 थानों से इसकी शुरुआत की गई है। इसके लिए हाल में ही डीजीपी ने प्रदेश के 18 थानेदारों की मीटिंग ली। रायपुर में ही उन्हें तीन दिवसीय दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया।
बिलासपुर में सिविल लाइन,सरकंडा व तोरवा थाने को चुना गया है। तीनों थानेदारों को प्रशिक्षण के बाद टैब बांटा दिया। इसमें तत्काल वेरीफिकेशन की सुविधा है। एप से किस तरह काम होता है, देखने के लिए गृह विभाग की एक टीम महाराष्ट्र भेजी गई थी। दैनिक भास्कर ने पासपोर्ट की लेटलतीफ प्रक्रिया को लेकर प्रमुखता से खबर की थी। इसके बाद प्रदेश में नया पासपोर्ट बनाने या पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने की प्रक्रिया को सरल किया गया। 24 दिसंबर को चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन ने गृह विभाग के अफसरों की मीटिंग ली थी। इसमें तय हुआ था कि पासपोर्ट की पूरी प्रक्रिया अब एम-पासपोर्ट एप के जरिए पूरी होगी। अभी तक महाराष्ट्र, राजस्थान और ओडिशा में एम-पासपोर्ट एप से पासपोर्ट जारी हो रहा है। इस एप का उपयोग छत्तीसगढ़ में हो रहा है। संबंधित थानों में आवेदकों का अब दस्तावेज भी सत्यापन के लिए आना शुरू हो गया है। सरकंडा थाने में 5 ऐसे ही दस्तावेजों का ऑन लाइन भौतिक सत्यापन किया गया है।
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