छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से लापता हुए गल्ला व्यापारी के मैनेजर का पुलिस ने पता लगाकर उसे पकड़ लिया। कलेक्शन के 18 लाख रुपए लेकर अंबिकापुर लौटते समय गुरुवार रात वह लापता हो गया था। उसकी कार भी अगले दिन शुक्रवार को नेशनल हाईवे पर मिली थी। पुलिस ने बताया कि मैनेजर ने जुए में रुपए हारने के बाद खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला जयनगर थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर में सुभाष अग्रवाल गल्ला बेचने का काम करते हैं। वह गल्ला आस-पास के जिलों में भी बेचते हैं। इसी के चलते सुभाष का मैनेजर मनोज बंसल गुरुवार को दिन में ही पैसा कलेक्शन करने के लिए अंबिकापुर से सूरजपुर गया था। यहां उसने सूरजपुर के अलग-अलग इलाकों से कुल 18 लाख रुपए कलेक्शन किया था। शाम के वक्त सुभाष से उसकी बात हुई थी। फिर उसके कुछ ही देर बाद रात से ही उसका नंबर बंद हो गया था।
पत्नी ने ही पुलिस को दी सूचना
पुलिस ने शुक्रवार को मनोज की गाड़ी सूरजपुर जिले के एनएच-43 में शशिपुर के पास लावारिस हालत में बरामद की। मनोज का आखिरी मोबाइल लोकेशन भी शशिपुर में ही मिला था। इसके बाद से ही पुलिस उसे लगातार तलाश कर रही थी। जांच के दौरान मनोज के अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर घाट पेंडारी में देखे जाने की जानकारी पुलिस को मिली थी। बताया जा रहा है कि मनोज की पत्नी ने ही पुलिस को उसके वहां होने की सूचना दी थी।
जुए और सट्टे की आदत ने बना दिया था कर्जदार
हालांकि पुलिस को पूरी कहानी पर शुरू से संदेह हो रहा था। ऐसे में उसने मनोज की पत्नी का नंबर भी ट्रैक किया। ASP हरीश राठौर ने बताया कि मनोज जुए और सट्टे का आदी है। जुए में रुपए हारने के बाद व्यापारी के मैनेजर ने यह झूठी घटना रची थी।उसने शनिवार को घटनास्थल से करीब 80 किमी दूर से बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मामला अमानत में खयानत का निकला। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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