छत्तीसगढ़ में बस्तर के वनोपज महुआ से सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि अब खाद्य पदार्थ बनाने के भी नए- नए प्रयोग हो रहे हैं। दंतेवाड़ा के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने महुआ पाउडर से केक बनाने की शुरुआत की है। रायपुर में आयोजित 5 दिनों के अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई में महुआ से बना केक इंदिरा गांधी कृषि विज्ञान केंद्र के कुलपति ने काटा। इस मड़ई में पहुंचने वाले रायपुर वासियों को भी यह खूब भाया। इसके लिए जिले की जमकर तारीफ भी की गई।
दरअसल, रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय परिसर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर और फार्मटेक एशिया ने संयुक्त रूप से 5 दिवसीय एग्री कार्नीवाल (कृषि मड़ई) का सफल आयोजन किया। एग्री कार्नीवाल में कृषि विज्ञान केंद्र दंतेवाड़ा के मार्गदर्शन में 5 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तकनीकी प्रादर्शनी लगाई और स्व-निर्मित उत्पादों की विक्रय प्रदर्शनी भी लगाई।
एग्री कार्नीवाल में महिला आजीविका परिसर झोड़ियाबाड़म, महिला उत्थान स्व-सहायता समूह मासोडी, इंदिरावती स्व-सहायता समूह कासोली, सांई बाबा स्व-सहायता समूह हारम की महिलाओं ने भाग लिया। मड़ई में प्रदर्शित उत्पादों में चावल के किस्म जावाफुल, बादशाहभोग एवं नवसिंगो की मांग रही। अकाष्ठीय और लघु वनोपज के स्टाॅल में दंतेवाड़ा की महिलाओं ने प्रदर्शित महुआ का लड्डू और महुआ का केक, तिखुर का लड्डू एवं तिखुर का केक विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
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