माइक्रो आर्टिस्ट भानुप्रताप कुंजाम ने हसदेव जंगल के कटने पर आर्ट तैयार किया है। इसमें पेंसिल की नोक पर सेव हसदेव लिखा है। एक रोता हुआ बालक बनाया है। रोता बालक और कोई और नहीं हसदेव अरण्य है। यह पेड़ कटने से रो रहा है। हसदेव अरण्य क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी अपने जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए राजधानी रायपुर में धरना प्रदर्शन करे रहे हैं।
सरकार ने हसदेव क्षेत्र में कारखाना स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। इस मुद्दे पर आदिवासी सरकार से नाराज हैं। कंपनी को आने से रोकना चाहते हैं। आदिवासियों का समर्थन देशभर के लाेग कर रहे हैं। माइक्रो आर्टिस्ट भानु प्रताप कुंजाम भी आदिवासियों के समर्थन में कलाकृति बनाकर लोगों को अपने अपने स्तर पर समर्थन करने व वन बचाने का आग्रह कर रहे हैं।
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