दुर्ज जिले के कुम्हारी वार्ड 10 में रहने वाले प्रेम सिंह उर्फ रामबेला को नकली ट्रैफिक पुलिस बनना काफी महंगा पड़ा। पुलिस ने उसे ढाई साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोप है कि रामबेला ने एक युवक की बाइक को किनारे खड़ा कराया। उसने फर्जी ट्रैफिक पुलिस का सिपाही बनकर उसका चालान काटा और फिर बाद में उससे रुपए व मोबाइल लेकर फरार हो गया। पुलिस को उसकी कई सालों से तलाश थी।
कुम्हारी थाना प्रभारी सुधांशु बघेल ने बताया कि नेहरू नगर पश्चिम सुपेला निवासी अंकित चक्रवर्ती ने 2019 में रामबेला के खिलाफ कुम्हारी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि कुम्हारी टोल नाका ढाबा के पास उसकी बाइक खड़ी थी। वह बाइक के पास जैसे ही पहुंचा वहां एक आदमी आया। उसने खुद को ट्रैफिक पुलिस बताया। इसके बाद उसने उसकी गाड़ी का 8 हजार रुपए का चालान काट दिया। साथ ही साथ वह युवक को तत्काल चलान चुकाने का दबाव बनाने लगा। उसने उसे धमकी कि यदि रकम नहीं चुकाओगे तो वो उसे बड़े मामले में फंसा देगा। इसके बाद उसने युवक से दबाव बनाते हुए 4 हजार रुपए गूगल पे करवाया और शेष 4 हजार रुपए के लिए उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया था।
खाते का डिटेल्स निकालकर आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए उसके खाते का डिटेल खंगालना शुरू किया। जिसमें पता चला कि वह शंकर नगर वार्ड 10 कुम्हारी का रहने वाला और उसका नाम प्रेम सिंह उर्फ रामबेला है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को जामुल पालिका क्षेत्र से घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।
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